वर्ग संघर्ष
कार्ल मार्क्स के वर्ग संघर्ष की व्याख्या
(माक्र्सवादी वर्ग सिद्धान्त से अनुप्रेषित)
मार्क्सवाद के शिल्पकार कार्ल मार्क्स और फ्रेडरिक एंजेल्स ने लिखा है, " अब तक विद्यमान सभी समाजों का लिखित इतिहास वर्ग संघर्ष का इतिहास है।"
मार्क्स द्वारा प्रतिपादित वर्ग-संघर्ष का सिद्धांत ऐतिहासिक भौतिकवाद की ही उपसिधि है ओर साथ ही यह अतिरिक्त मूल्य के सिद्धांत के अनुकूल है। मार्क्स ने आर्थिक नियतिवाद की सबसे महत्वपूर्ण अभिव्यक्ति इस बात में देखी है कि समाज मे सदैव ही विरोधी आर्थिक वर्गों का अस्तित्व रहा है। एक वर्ग वह है जिसके पास उत्पादन के साधनों का स्वामित्व है ओर दूसरा वह जो केवल शारिरिक श्रम करता है। पहला वर्ग सदैव ही दूसरे वर्ग का शोषण करता है। मार्क्स के अनुसार समाज के शोषक ओर शोषित - ये दो वर्ग सदा ही आपस मे संघर्षरत रहे हैं और इनमें समझोता कभी संभ
व नहीं है।
बाहरी कड़ियाँ
संपादित करेंमार्क्सवाद समर्थक
संपादित करें- Collective Action Notes
- Karl Marx and Frederick Engels
- Bertell Ollman and Class Struggle Articles on Dialectics
- Communist Manifesto (1848)
- Karl Kautsky The Class Struggle (Erfurt Program) (1888)- contemporary book.
- The Marxists Internet Archive
- Class Struggle and Articles on Dialectics
- Karl Marx Wage Labour and Capital
- libcom.org UK based class struggle resource
- Karl Marx Capital, Volume One
- ClassStruggle.Com Critical Articles on Class Struggle
- Secular Stagnation, Keynes and Marx
- Beyond PostCapitalism.Net
मार्क्सवादविरोधी
संपादित करें- "The Marxian Class Conflict Doctrine" Excerpt from Economic Freedom and Interventionism by Ludwig von Mises
- "Marxist and Austrian Class Analysis", by Hans-Hermann Hoppe
- Post Capitalism and Kondratieff as Alternative to Class Struggle