मातृवंश पूर्वजों का ब्यौरा देने की उस प्रणाली को कहते हैं जिसमें माता और फिर उसकी स्त्री पूर्वजाओं को देखते हुए वंश खींचा जाए। मातृवंशीय व्यवस्था किसी उस सामाजिक प्रणाली को कहते हैं जिसमें कोई व्यक्ति पारिवारिक रूप से अपनी माता और उसके मातृवंश का भाग माना जाता है। आम तौर से मातृवंश व्यवस्था में कुल पुत्रियों के द्वारा चलता है और परिवार का नेतृत्व उस परिवार में पैदा हुई सबसे अधिक उम्र की महिला करती है। ऐसे समाजों में सम्पत्ति और उपाधियाँ भी बेटियों को मिला करती है।

उत्तर अफ़्रीका के त्वारेग लोगों का समाज मातृवंशीय है
अगर आप मातृवंश के बारे में आनुवंशिकी (यानि जॅनॅटिक्स) सम्बन्धी जानकारी ढूंढ रहें हैं तो कृपया मनुष्य मातृवंश समूह का लेख देखिये

अन्य भाषाओँ में संपादित करें

'मातृवंशीय' को अंग्रेज़ी में 'मैट्रिलिनियल' (matrilineal) कहते हैं।

चित्र:पय्यन्नूर श्री सुब्रह्ममण्य स्वामी मन्दिर
पय्यन्नूर श्री सुब्रह्ममण्य स्वामी मन्दिर

उदाहरण संपादित करें

भारत में केरल राज्य का नायर नंपूतिरि समुदाय, पोतुवाल समुदाय और मेघालय राज्य का खासी समुदाय पारम्परिक रूप से मातृवंशीय हैं। नंपूतिरि ब्राह्मणों को छोडकर केरल के बाकी ब्राह्मणों का समाज पितृसत्तात्मक है तो पय्यन्नूर का मातृसत्तात्मक है। पोतुवाल के बीच में भी मातृसत्तात्मक व्यवस्था चलती है।[उद्धरण चाहिए] काकादक्षिणी चीन का चिआंग समुदाय भी मातृवंशीय है।[1][2]

इन्हें भी देखें संपादित करें

सन्दर्भ संपादित करें

  1. Encyclopedia of the Peoples of Asia and Oceania Archived 2013-05-28 at the वेबैक मशीन, Barbara A. West, Infobase Publishing, 2009, ISBN 978-1-4381-1913-7, ... The name Qiang has also been used throughout Chinese history to refer to many tribal groups who had matrilineal descent, engaged the Chinese in warfare, exhibited no centralized government ...
  2. Marriage and family in India, Kanailal Motilal Kapadia, Oxford University Press, 1966, ... The Nairs in Kerala and the Khasis and Garos in Assam are matrilineal peoples ...