मनुष्यों की आनुवंशिकी (यानि जॅनॅटिक्स) में मातृवंश समूह ऍल४ या माइटोकांड्रिया-डी॰एन॰ए॰ हैपलोग्रुप L4 एक मातृवंश समूह है। इस मातृवंश समूह के सदस्य स्त्रियों और पुरुषों की तादाद ज़्यादा नहीं है, लेकिन वे पूर्वी अफ़्रीका और अफ़्रीका के सींग के कई समुदायों में मिलते हैं।[1] तंज़ानिया के हदज़ा समुदाय के ६०-८३% लोग और संदावे समुदाय के ४८% लोग इसके वंशज हैं।[2] वैज्ञानिकों के मुताबिक़ आज से हज़ारों साल पहले जिस स्त्री से इस मातृवंश की शुरुआत हुई वह पूर्वी अफ़्रीका की वासी थी।

तानज़ानिया के हदज़ा समुदाय के ६०-८३% लोग मातृवंश समूह ऍल४ के वंशज हैं

अन्य भाषाओँ में

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अंग्रेज़ी में "वंश समूह" को "हैपलोग्रुप" (haplogroup), "पितृवंश समूह" को "वाए क्रोमोज़ोम हैपलोग्रुप" (Y-chromosome haplogroup) और "मातृवंश समूह" को "एम॰टी॰डी॰एन॰ए॰ हैपलोग्रुप" (mtDNA haplogroup) कहते हैं।

इन्हें भी देखें

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  1. "Haplogroups L4". मूल से 24 जुलाई 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 21 अप्रैल 2011.
  2. Tishkoff, S. et al. 2007, History of Click-Speaking Populations of Africa Inferred from mtDNA and Y Chromosome Genetic Variation. Archived 2009-12-19 at the वेबैक मशीन Molecular Biology and Evolution 2007 24(10):2180-2195