मानव प्रजनन प्रणाली पुरुष प्रजनन प्रणाली तथा महिला प्रजनन प्रणाली मिलकर बनती है। पुरुष प्रजनन प्रणाली शुक्राणु का उत्पादन और जमा करने का कार्य करती है; वहीं महिला प्रजनन प्रणाली अंडे की कोशिकाओं का उत्पादन करने के लिए कार्य करती है,साथ हीं जन्म तक भ्रूण की रक्षा और पोषण करती है। मनुष्य में उच्च स्तर का यौन भिन्नता होता है।

मानव प्रजनन यौन प्रजनन है जिसके परिणामस्वरूप मानव संतान पैदा करने के लिए मानव निषेचन होता है। इसमें आमतौर पर यौन परिपक्व मानव पुरुष और महिला के बीच संभोग शामिल होता है। संभोग के दौरान, पुरुष और महिला प्रजनन प्रणाली के बीच मिलन के परिणामस्वरूप शुक्राणु और अण्डाणु के निषेचन से एक युग्मज बनाता है।[1]

 
Female reproductive system

मानव महिला प्रजनन प्रणाली मुख्य रूप से शरीर के अंदर और एक महिला के पेड़ू क्षेत्र के आसपास स्थित अंगों की एक शृंखला है जो प्रजनन प्रक्रिया में योगदान करती है। मानव महिला प्रजनन प्रणाली में तीन मुख्य भाग होते हैं:

  • योनिमुख, जो योनि से प्रारंभ होकर भितर की ओर गर्भाशय तक जाता है।
  • गर्भाशय, जो विकासशील भ्रूण रखती है;
  • अंडाशय, जो मादा के डिंब का उत्पादन करते हैं।

युग्मक गोनाडों के भीतर एक प्रक्रिया के माध्यम से उत्पन्न होते हैं जिसे गैमेटोजेनेसिस कहा जाता है। यह तब होता है जब कुछ प्रकार की रोगाणु कोशिकाएं गुणसूत्रों की सामान्य द्विगुणित संख्या (एन = 46) को केवल 23 गुणसूत्रों वाली अगुणित कोशिकाओं में विभाजित करने के लिए अर्धसूत्रीविभाजन से गुजरती हैं।[2]