मानांचिरा
मानांचिरा (Mananchira) भारत के केरल राज्य के कोड़िकोड नगर के बीच में स्थित एक कृत्रिम जलाशय है। यह 3.49 एकड़ (14,120 वर्ग मीटर) के क्षेत्रफल वाला ताल चतुर्भुज के आकार में है और इसमें जल एक प्राकृतिक पानी के चश्में से आता है। इस जलाशय का निर्माण 14वीं शताब्दि में ज़ामोरिन माण विक्रम ने करवाया था। इसका प्रयोग कोड़िकोड शहर को पेयजल उपलब्ध कराने के लिए किया जाता है और इसके आसपास एक उद्यान बना हुआ है।[1][2]
मानांचिरा | |
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Mananchira മാനാഞ്ചിറ | |
स्थान | कोड़िकोड, केरल, भारत |
निर्देशांक | 11°15′15.9″N 75°46′47.9″E / 11.254417°N 75.779972°Eनिर्देशांक: 11°15′15.9″N 75°46′47.9″E / 11.254417°N 75.779972°E |
प्रकार | कृत्रिम |
अधिकतम लम्बाई | 130 मी॰ (430 फीट) |
अधिकतम चौड़ाई | 109 मी॰ (358 फीट) |
सतही क्षेत्रफल | 14,120 मी2 (152,000 वर्ग फुट) |
चित्रदीर्घा
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मानांचिरा उद्यान का मुख्यद्वार
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पोलिश शिल्पकार यात्सेक ताएलित्स्की की कृति, जिसपर अंग्रेज़ी में लिखा है - "दे सको तो दो, लेना पड़े तो लो"
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मानांचिरा उद्यान
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लोककथा पर आधारित "पातुम्मा की बकरी"
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पथ
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कोड़िकोड नगर भवन
इन्हें भी देखें
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "Lonely Planet South India & Kerala," Isabella Noble et al, Lonely Planet, 2017, ISBN 9781787012394
- ↑ "The Rough Guide to South India and Kerala," Rough Guides UK, 2017, ISBN 9780241332894