मान कवि

राजस्थान सामान्य रूप से एक है और वह अपने घर को स्वर्ग से एक हैं लेकिन वे अपने आप में शामिल है

मान कवि (१६२९ ई॰ - २२ अक्टूबर १६८० ई॰) मेवाड़ के महाराजा राजसिंह के दरबारी कवि थे। वो वीररस के कवि थे।[1]

सन्दर्भ संपादित करें

  1. बच्चन सिंह. हिन्दी साहित्य का दूसरा इतिहास. राधाकृष्ण प्रकाशन. पृ॰ २५४. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9788183611800. मूल से 14 दिसंबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 11 दिसंबर 2013.