मामा बालेश्वर दयाल' (10 मार्च 1905 - 26 दिसंबर 1998) एक सामाजिक कार्यकर्ता और भारतीय राजनेता थे। उन्हें राजस्थान और मध्य प्रदेश में भील जनजातियों के बीच उनके काम के लिए याद किया जाता है, उन्होंने उन्हें जल, जंगल और ज़मीन के अधिकारों के लिए लड़ने के लिए संगठित किया था। मामा बालेश्वर दयाल आदिवासियों के मसीहा कहे जाते हैं तथा इन्होंने आदिवासियों के जल जंगल जमीन बचाने के लिए अनेक आंदोलन किये तथा इन आंदोलनों में कई बार जेल भी गए व आदिवासियों के अधिकारों को दिलाने के लिए हमेशा आगे रहे उनकी पुण्यतिथि 26 दिसंबर 1998 को श्रद्धांजलि के रूप में प्रतिवर्ष मनाया जाता है इनकी श्रद्धांजलि के अवसर पर राजस्थान गुजरात मध्य प्रदेश एवं कई राज्यों के आदिवासी श्रद्धालु व उनके बताए गए मार्ग पर चलने वाले सभी भक्तगण 25 दिसंबर बामनिया आश्रम पहुंच कर जागरण करते हैं 26 दिसंबर को उनकी श्रद्धांजलि दिवस के रूप में मनाते हैं उनके बताए गए मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं

  1. आदिवासी दशरथ निनामा प्रतापगढ़