मारी आँत्वानेत (जन्म: मारिया आंथोनिया योज़ेफ़ा योहाना; 2 नवंबर 1755 – 16 अक्टूबर 1793) फ्रांसीसी क्रांति से पहले फ्रांस की आखिरी रानी थी। वह ऑस्ट्रिया की राजकुमारी के रूप में पैदा हुई थी और महारानी मारिया थेरेसा और पवित्र रोमन सम्राट फ्रांसिस प्रथम की सबसे छोटी संतान थी।[1] उनका मई 1770 में 14 वर्ष की उम्र में फ्रांस की राजगद्दी के उत्तराधिकारी लुई-अगस्टे से विवाह हुआ। 10 मई 1774 को, उनके पति सोलहवें लुई के रूप में सिंहासन पर बैठें और वह रानी बन गईं।[2]

मारी आंत्वानेत
मारी का 1790 का चित्र
फ्रान्स की महारानी
शासनावधि10 मई 1774 – 21 सितम्बर 1792
जन्म2 नवम्बर 1755
होफबर्ग महल, वियेना, ऑस्ट्रिया, पवित्र रोम साम्राज्य
निधन16 अक्टूबर 1793(1793-10-16) (उम्र 37 वर्ष)
प्लास द ला रेवोल्यूस्यों, पेरिस, फ्रान्स
समाधि21 जनवरी 1815
साँ देनिस बसिलिका
जीवनसंगीलुई सोलहवाँ (वि॰ 1770; मृ 1793)
संतान
पूरा नाम
मारिया आंतोनिया जोसेफा जोहाना
Maria Antonia Josefa Johanna
घरानाहाब्सबर्ग-लोरेन
पिताफ्रान्सिस प्रथम, पवित्र रोमन सम्राट
मातामहारानी मारिया तेरैसा
धर्मरोमन कैथोलिक
हस्ताक्षरमारी आंत्वानेत के हस्ताक्षर

ऑस्ट्रिया की मारी आंत्वानेत का राजचिन्ह

फ़्रांस के शाही दरबार में मारी आंत्वानेत की स्थिति में सुधार हुआ, जब शादी के आठ साल बाद उन्हें बच्चे होने लगे। हालांकि, वह लोगों के बीच तेजी से अलोकप्रिय हो गई जब फ्रांसीसी पत्रिकाओं ने उन पर फ्रांस के कथित दुश्मनों — विशेष रूप से उनके मूल देश ऑस्ट्रिया से सहानुभूति रखने का और उनके बच्चों के नाजायज होने का आरोप लगाते हुए उन्हें दुश्चरित्र एवं चरित्रहीन बोला।[3] क्रांति के दौरान, उन्हें मैडम डेफिसिट के रूप में जाना जाता था क्योंकि देश के वित्तीय संकट को उनके खर्चीले व्यवहार और कई बुद्धिजीवियों के सामाजिक और वित्तीय सुधारों का विरोध करने का दोषी ठहराया गया था।[4]

क्रांति के दौरान जब सरकार ने शाही परिवार को अक्टूबर 1789 में तुइलरीज़ पैलेस में नजरबंद कर दिया था, तो मारी आंत्वानेत से कई घटनाओं को जोड़ा गया था। जून 1791 में इस कैद से भागने का प्रयास के कारण उनकी भूमिका पर विनाशकारी प्रभाव पड़ा। 10 अगस्त 1792 को, ट्यूलरीज पर हुए हमले ने शाही परिवार को असेंबली में शरण लेने के लिए मजबूर किया और उन्हें 13 अगस्त को अलग जेल में कैद कर दिया गया। 21 सितंबर 1792 को राजशाही को समाप्त कर दिया गया था। सोहलवें लुई को 21 जनवरी 1793 को गिलोटिन द्वारा मृत्युदंड दे दिया गया। मारी आंत्वानेत का मुकदमा 14 अक्टूबर 1793 को शुरू हुआ था और दो दिन बाद उन्हें राजद्रोह का दोषी ठहरा के मृत्युदंड दे दिया गया।

इन्हें भी देखें

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  1. Fraser 2002, पृष्ठ 5
  2. de Decker, Michel (2005). Marie-Antoinette, les dangereuses liaisons de la reine. Paris, France: Belfond. पपृ॰ 12–20. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-2714441416.
  3. Fraser 2001, पृष्ठ 169
  4. Erickson, Carolly (1991). To the Scaffold: The Life of Marie Antoinette. New York City: William Morrow and Company. पृ॰ 163. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0688073015.

सन्दर्भसूची

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