मार्टिन शोंगावर
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मार्टिन शोंगावर (Martin Schongauer ; १४४० - १४९१) जर्मनी का नक्काशीकार तथा चित्रकार था। उसके बनाये चित्र तथा उसकी ख्याति दूर-दूर तक पहुँची थी। इटली में वह 'बेल मार्टिनो' तथा मार्टिनो डी अन्वेर्सा (Martino d'Anversa) के नाम से जाना जाता था।
परिचय
संपादित करेंमार्टिन का पिता सुनार था, पर अपने पुत्र को कला की दिशा में प्रेरित करने में उसने विशेष उत्साह दिखाया। कोलमार के एक बड़े ही मशहूर 'इनग्रेविंग स्कूल' में उसका दाखिला करा दिया गया, जहाँ से कितने ही विशिष्ट कलाकार बनकर निकल चुके थे। फ्लांडर्स के समकालीन कलाकारों, विशेषकर रोगर वान डेर वेडेन (Rogier van der Weyden) की कलाटेकनीक और चित्रणशैली का उसके कृतित्व पर विशेष प्रभाव पड़ा। कोलमार की सेंट मार्टिन चर्च की भव्य वेदिका पर 'वर्जिन और बालक क्राइस्ट' की लहलहाए खिले पुष्पों के मध्य एक बड़ी ही भव्य आकृति उसने अंकित की। चित्रकला से अधिक वह नक्काशी में दक्ष था। उसने अनेक ऐसी सुंदर कलाकृतियाँ प्रस्तुत कीं जिनकी न सिर्फ जर्मनी में बल्कि इटली, इंग्लैड, फ्रांस और स्पेन में भी खूब बिक्री हुई। उसके विषय हमेशा धार्मिक और भावनापरक होते थे। ताँबे पर उसके ११३ चित्रांकन उपलब्ध हैं जिनपर उसका नाम भी खुदा है। मृत्यु तथा ईसा-माँ के राज्यारोहण संबंधी चित्रमाला के अतिरिक्त मनोरागों के निदर्शन में रेखाओं की सुसंयोजना, प्रतिपाद्य विषय को सूक्ष्मता से आँकने तथा सघन एवं सुंदर आकृतियों के निर्माण में उसकी विशेष मौलिकता दृष्टिगत होती है।