रसायन शास्त्र में मिश्रयता का अर्थ आमतौर पर एक द्रव का गुण है जिसमे उसे जल मे किसी भी अनुपात मे मिलाया जाये वह एक समरूप विलयन बनाता है। सिद्धांत रूप में, यह शब्द भी अन्य अवस्थाओं (ठोस और गैसों) पर भी लागू होता है, लेकिन मुख्यत: यह एक द्रव की दूसरे द्रव मे विलयता से संबंधित है। उदाहरण के लिए, पानी और इथेनॉल को चाहें किसी भी अनुपात में मिश्रित किया जाये वो एक समरूप विलयन बनाते हैं।

इसके विपरीत पदार्थ को अगर किसी भी अनुपात में मिलाने पर वह एक समरूप विलयन नहीं बनाते तो उन्हें अमिश्रय कहा जाता है। उदाहरण के लिए, डाईइथाइल इथर पानी में घुलनशील है, लेकिन जब इन्हें भिन्न भिन्न अनुपात में मिलाया जाता है तो यह आपस मे नहीं मिलते।