मीडिया पारिस्थितिकी सिद्धांत मीडिया, प्रौद्योगिकी और संचार का अध्ययन है कि वे कैसे मानव वातावरण को प्रभावित करते हैं। यह सैद्धांतिक अवधारणाओं को 1964 में मार्शल मैक्लुहान द्वारा प्रस्तावित किया गया था, जबकि मीडिया पारिस्थितिकी शब्द को पहली बार औपचारिक रूप से 1968 में नील पोस्टमैन द्वारा प्रयोग किया गया था।

इस संदर्भ में पारिस्थितिकी उस वातावरण की ओर इशारा करती है जिसमें इस माध्यम का उपयोग किया जाता है - वे क्या हैं और वे समाज को कैसे प्रभावित करते हैं। मीडिया पारिस्थितिकी का तर्क है कि मीडिया प्रत्येक युग में मानव इंद्रियों के विस्तार के रूप में कार्य करता है और संचार प्रौद्योगिकी सामाजिक परिवर्तन का प्राथमिक कारण है।

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