मुंगेरिया संपादित करें

मुंगेरिया शिव से गढ़रा रोड जाने वाले मार्ग पर २६ km पर स्थित एक गाँव है , यह 26°5'33" उतरी अक्षांश और 71°1'6" पूर्वी देशांतर पर स्थित है। यह गाँव अति प्राचीन है जिसका उल्लेख कर्नल जेम्स टॉड ने अपने यात्रा विवरण में किया है। गाँव के पास स्थित छोटी पहाड़ी पर एक प्राचीन पहाड़ी क़िला बना हुआ है जिसकी प्राचीर अभी भी सुरक्षित है .किवदंति है कि यह क़िला राजा मंग ने सिंध से आने वाले सरायिंयों से बचने के लिए बनाया था और उसी के नाम पे इसका नाम मुंगेरिया पड़ा। सराई यँहा से गायें चुराने आया करते थे .सरायियों के साथ हुई एक मुठभेड़ में तूँगड़ा सरदार श्री स्वरूप सिंह शहीद हुए जो सर कटने के बाद भी लड़ते रहे , श्री स्वरूप सिंह भोमिया जी के थान ३ जगह बने हुए है , वर्तमान में यह गाँव यँहा पाए जाने वाले क़ीमती ग्रेनाईट पत्थर के लिए प्रसिद्ध है। ग्राम पंचायत मुंगेरिया का मुख्यालय यहीं स्थित है , इसमें अन्य राजस्व गाँव मंडालिया, बिभड़ा , सरस्वतीनगर , लक्ष्मीपुरा और रासारा तला शामिल है https://web.archive.org/web/20160919145621/https://commons.wikimedia.org/wiki/File:%E0%A4%AE%E0%A5%81%E0%A4%82%E0%A4%97%E0%A5%87%E0%A4%B0%E0%A4%BF%E0%A4%AF%E0%A4%BE.jpg यँहा राठौड़ वंश की कुलदेवी नागणेची माता का प्राचीन मंदिर बना हुआ है। मंदिर के चारों और ओरण भी है जो बाड़मेर जिले की वीरात्रा माता ओरण ढ़ोक़ के बाद सबसे बड़ी है। गाँव की तलहटी में रावल श्री मल्लीनाथ जी का प्राचीन मंदिर बना हुआ हैं। स्वतंत्रता से पूर्व जोधपुर मारवाड़ रियासत का जैसलमेर से सीमा बनाता हुआ अंतिम गाँव था जँहा जोधपुर रियासत की पुलिस चोकी बनी हुई थी। गाँव वर्तमान में प्रगति के पथ पर अग्रेषित है। गाँव में मुख्यतः राजपूत जिसमें राठौड़ , चौहान , सोढा , तंवर प्रमुख है इसके अलावा कुम्बावत, सिंधी मुसलमान ,सुथार, दर्ज़ी ,और मेघवाल जाति के लोग रहते हैं। गाँव में उच्च माध्यमिक स्तर का विद्यालय बना हुआ है। [1]

  1. जेम्स टॉड, कर्नल (१८३२). एनाल्स एंड एंटक़ुइटिस ऑफ़ राजस्थान.