मुंडन हिन्दू तथा मुस्लिम सम्प्रदायों दोनों में प्रचलित नवजात शिशुओं के बाल काटने की प्रथा है; जिसे मुस्लिम अक़ीक़ा के नाम से जानते हैं और जिसके बारे में एक आम धारणा ये है कि बच्चे के मुंडन से बल, बुद्धि और आयु बढ़ती है[1] वैदिक काल में 5 वर्ष पूर्ण करने के बाद गुरुकुल में प्रवेश के समय चूड़ाकर्म संस्कार(मुंडन संस्कार) किया जाता था

  1. "संग्रहीत प्रति". मूल से 14 जुलाई 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 20 जून 2014.