मुख्तारनामा
मुख्तारनामा या अधिकार पत्र (power of attorney (POA) या letter of attorney) एक लिखित दस्तावेज है जिसमें कोई व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति को यह अधिकार देता है कि वह उसके किसी निजी कार्य, व्यापार या किसी कानूनी कार्य के लिये उसका प्रतिनिधित्व करे (अर्थात उसकी ओर से कार्य करे)। जिसको यह अधिकार दिया जाता है उसे मुख्तार या एटार्नी (attorney) कहते हैं।
अधिकार पत्र के सम्बन्ध में कानून, एजेन्सी कानून के अन्तर्गत बनाया गया है। अधिकार पत्र एक लिखित साधन है जो कि किसी व्यक्ति को उसके लिखने वाले व्यक्ति की जगह कार्य कर सकने का अधिकार देता है। यह निम्न दो प्रकार का होता है -
- (१) विशेष अधिकार पत्र (Specific Power of Attorney) - विशेष अधिकार पत्र कोई विशेष कार्य के लिए किसी को दिया जाता है। उदाहरण के लिये, कर अधिकारी के समक्ष कम्पनी के रजिस्ट्रार के समक्ष कागजात लेकर प्रस्तुत होने के लिए या दस्तावेजों के पंजीकरण करने हेतु उप-रजिस्ट्रार के सम्मुख प्रस्तुत करने हेतु।
- (२) साधारण अधिकार पत्र (General Power of Attorney)—
- (क) विलेख पत्र जमा करने से सम्बन्धित सभी कार्यों के लिए जो कि नोटरी या प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट के समक्ष हस्ताक्षरित किए जा सकते हैं और जमा किये जा सकते हैं।
- (ख) ऐसा अधिकार पत्र पंजीकृत भी किया जा सकता है।
- (ग) यदि कोई अपरिवर्तनीय अधिकार पत्र जिसमें एक एजेन्सी और भारतीय अनुबन्ध कानून, 1872 की धारा 202 के अनुसार हित (Interest) वाली एजेन्सी से सम्बन्धित है तो इसके पंजीकरण के लिए आवश्यक मुद्रांक कर देना होगा।
- (घ) उपर्युक्त (ग) में वर्णित अधिकार पत्र के पंजीकरण के बाद इसे सार्वजनिक सूचना में और पुस्तक-I में दर्ज करना आवश्यक नहीं है। इसे बाद में भारग्रस्तता प्रमाण पत्र में भी नहीं दर्ज किया जाएगा।
इन्हें भी देखें
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संपादित करें- पावर ऑफ अटॉर्नी पर ब्रेक की तैयारी[मृत कड़ियाँ]
- मुख्तारनाम (पावर ऑफ अटर्नी) का दस्तावेज[मृत कड़ियाँ]
- स्वयं उपलब्ध न हो सकने पर मुख्तार-खास नियुक्त कर उस के माध्यम से विलेख निष्पादित व पंजीकृत कराया जा सकता है
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