मुख्तार अब्बास नकवी

भारतीय राजनीतिज्ञ

मुख़्तार अब्बास नक़वी (जन्म: १५ अक्टूबर १९५७) भारत के एक प्रसिद्ध राजनेता हैं। वे भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और भारत सरकार में अल्पसङ्ख्यक मामलों के कैबिनेट मन्त्री रह चुके हैं।

मुख्तार अब्बास नकवी

पदस्थ
कार्यालय ग्रहण 
8 जुलाई 2016
पूर्वा धिकारी एम जे अकबर
चुनाव-क्षेत्र झारखण्ड
पद बहाल
5 जुलाई 2010 – 4 जुलाई 2016
चुनाव-क्षेत्र उत्तर प्रदेश

जन्म 15 अक्टूबर 1957 (1957-10-15) (आयु 66)
अलाहबाद, उत्तर प्रदेश
राजनीतिक दल भारतीय जनता पार्टी
जीवन संगी सीमा नक़वी
बच्चे 1
शैक्षिक सम्बद्धता एशियन अकादमी ऑफ़ हायर स्टुडिज़, नॉएडा[1][2]

श्री नक़वी का जन्म इलाहाबाद में हुआ। उन्होने अपनी शिक्षा इलाहाबाद विश्वविद्यालय से प्राप्त की। वे 1975 में आपातकाल के दौरान इलाहाबाद की नैनी सेंट्रल जेल में भी बंद रहे। नकवी कभी इंदिरा गांधी को चुनाव में हराने वाले समाजवादी नेता राजनारायण के करीबी थे और उनके प्रभाव में सोशलिस्ट हुआ करते थे। बाद में भाजपा में शामिल हो गए।[3]

इंडिया टुडे कॉन्क्लेव ईस्ट २०२२ में मुख़्तार अब्बास नक़वी ने  नूपुर शर्मा के बारे में बोला की जो भी उन्हीने बोला ग़लत बोला, उसे किसी ने सही नहीं ठहराया | 'नूपुर शर्मा के मामले पर मुझे अफ़सोस हुआ था' |[4]

चुनावी राजनीति संपादित करें

मुख्तार अब्बास नकवी ने पहले बीजेपी के टिकट पर मऊ जिले की सदर विधान सभा सीट से दो बार विधानसभा पहुचने की कोशिश की पर असफल रहे। सन 1991 मे वे मात्र 133 मतों से सीपीआई के इम्तियाज अहमद से चुनाव हार गये। उसके बाद सन 1993 के विधानसभा चुनावों में बसपा के नसीम ने लगभग 10000 मतों से उन्हें चुनाव हरा दिया।

1998 में रामपुर से लोकसभा का चुनाव लड़ा और जीत गए, ये पहली बार हुआ था कि कोई मुस्लिम चेहरा भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी के रूप में चुनकर पहली बार संसद पहुँचा था। वे अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में केंद्रीय सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री भी बन गए वह दो किताबें स्याह और दंगा भी लिख चुके हैं।

नकवी 2010 से 2016 तक उत्तर प्रदेश से राज्यसभा सदस्य रहे। 2016 में वे झारखंड से राज्यसभा भेजे गए | उसके बाद 26 मई 2014 में मोदी सरकार में अल्पसंख्यक मामलों और संसदीय मामलों के राज्य मंत्री बने। 12 जुलाई 2016 को नजमा हेपतुल्ला के पदत्याग के बाद उन्हें अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार मिला। 30 मई 2019 को मोदी कैबिनेट में शामिल हुए और अल्पसंख्यक मामलों का मंत्रालय बना रहा। [5]

06 जुलाई 2022 को मुख्तार अब्बास नकवी ने केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। उनका ये इस्तीफा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करने के बाद आया था।[6]

संक्षिप्त राजनीतिक जीवन
  • 1975 में आपातकाल के समय राजनीतिक करियर का आरम्भ।
  • 1980 में जनता पार्टी (सेक्युलर) के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़े।
  • 1998 में रामपुर से भाजपा के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़े और जीते।
  • 2014 में केंद्रीय राज्यमंत्री और 2016 में कैबिनेट मंत्री बनाए गए।
  • 2019 में दोबारा केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री बनाए गए।

सन्दर्भ संपादित करें

  1. "Alumni - Mass Communication Colleges in Delhi India - AAFT Mass communication - Top Mass Communication College in India - AAFT School of Mass Communication". aaft.com. मूल से 13 मार्च 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2 सितम्बर 2019.
  2. "Archived copy". मूल से 13 मार्च 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 13 मार्च 2017.सीएस1 रखरखाव: Archived copy as title (link)
  3. "मुख्तार अब्बास नकवी के समाचार और अपडेट - AajTak". आज तक (hindi में). अभिगमन तिथि 2022-07-11.सीएस1 रखरखाव: नामालूम भाषा (link)
  4. "India Today Conclave East 2022: नूपुर शर्मा ने जो बोला ग़लत बोला, उसे किसी ने सही नहीं ठहराया: मुख्तार अब्बास नकवी". आज तक (hindi में). 2022-07-05. अभिगमन तिथि 2022-07-11.सीएस1 रखरखाव: नामालूम भाषा (link)
  5. "मोदी मंत्रिमंडल में 8 साल से थे मुख्तार". आज तक (hindi में). 2022-06-05. अभिगमन तिथि 2022-07-11.सीएस1 रखरखाव: नामालूम भाषा (link)
  6. "मुख्तार अब्बास नकवी ने PM मोदी से मिलकर केंद्रीय मंत्री पद से दिया इस्तीफा". आज तक (hindi में). 2022-07-06. अभिगमन तिथि 2022-07-11.सीएस1 रखरखाव: नामालूम भाषा (link)