मुनशा सिंह दुखी
भारतीय राष्ट्रीय क्रांतिकारी और कवि, जिन्होंने भारत की आजादी के लिए लड़ा
मुनशा सिंह दुखी (1 जुलाई 1890 - 26 जनवरी 1971) ब्रिटिश साम्राज्य से भारत की आजादी के लिए लड़ाई में एक राष्ट्रीय क्रांतिकारी और कवि थे। बह प्रसिद्ध गदर पार्टी में थे और तीसरे लाहौर षड्यंत्र केस के तहत उन्हें उम्रकैद की सज़ा दी गई थी।[1]
मुनशा सिंह दुखी | |
---|---|
जन्म |
1 जुलाई 1890 जंडियाला मंजकी, जालंधर जिला, पंजाब |
मौत |
26 जनवरी 1971 भारत | (उम्र 80 वर्ष)
जीवन
संपादित करेंमुनशा सिंह का जन्म ब्रिटिश पंजाब के जालंधर जिले के, जंडियाला मंजकी में1 जुलाई 1890 को हुआ था। उन्होंने अनौपचारिक शिक्षा प्राप्त की, और अंग्रेजी, हिन्दी, उर्दू, बांग्ला का एक अच्छा ज्ञान प्राप्त कर लिया था।[2]
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "Trials that Changed History: From Socrates to Saddam Hussein By M.S. Gill". मूल से 1 जनवरी 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 1 जनवरी 2015.
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 1 जनवरी 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 1 जनवरी 2015.