मुनामदन नेपाली भाषा का सबसे ज्यादा बिकने वाला साहित्यिक कृति है। यह महाकाव्य झ्याउरे छन्द मैं नेपाली भाषा का महाकवि लक्ष्मीप्रसाद देवकोटा ने लिखा था। इस काव्य मुना और मदन नामक पति-पत्नी के जीवन को दर्शाता है। इस काव्य के मद्दत से लक्ष्मीप्रसाद देवकोटा ने पैसा का लालच तथा जात प्रथा का विरोध किया था।

इस काव्य का कुछ पंक्ति इस प्रकार है-

  • सुनको थैलो हातको मैलो के गर्नु धनले?

अर्थ-सोने का थैली हात का मैल बराबर है, इस धन से क्या करे?

  • मानिस ठुलो दिलले हुन्छ जातले हुंदैन।

अर्थ-व्यक्ति बड़ा दिल से होता है जात से नहीं।