मूंगफली के पौधे में जो बीज होते हैं, उनमें से निकला हुआ तेल मूंगफली का तेल कहा जाता है। मूंगफली एक सस्ता ड्राई फ्रूट है और यह आसानी से बाजार में उपलब्ध हो जाता है। सर्दियों में लोग मूंगफली को बहुत चाव से खाते हैं। भारतीय घरों में मूंगफली के तेल के साथ ही मूंगफली के दानों को भी चाव से खाया जाता है। मूंगफली के तेल को सींगदाना तेल भी कहा जाता है। इसे ग्राउंडनट ऑयल के नाम से भी जाना जाता है। आइये जानते हैं कि सींगदाना तेल या मूंगफली तेल के क्या फायदे होते हैं और यह किस तरह से शरीर को लाभ पहुंचाता है।

उपयोग

मूंगफली का तेल या सींगदाना तेल सेहत के लिए अत्यंत लाभदायक है। इसके फायदे इस प्रकार हैं:

जोड़ों के दर्द और अर्थराइटिस की समस्या से आराम देता है।

मूंगफली का तेल शरीर में वसा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है, जिससे वजन कम होता है।

यह तेल कैंसर से लड़ता है।

पाचन क्रिया को ठीक करता है।

मूंगफली का तेल हृदय से जुड़ी समस्याओं में फायदेमंद होता है।

स्वस्थ बालों के लिए इस्तेमाल करें मूंगफली का तेल।

उच्‍च रक्‍तचाप की समस्या के लिए भी मूंगफली का तेल काफी फायदेमंद माना जाता है।

जिन लोगों को डायबिटीज या मधुमेह की समस्‍या होती है उनके लिए मूंगफली का तेल लाभदायक होता है।

मूंगफली तेल मस्तिष्क के विकास के लिए भी उपयोगी है।

त्वचा के सौंदर्य को बढ़ाने के लिए भी आप मूंगफली का प्रयोग कर सकते हैं। मूंगफली के तेल में हैं आयु विरोधी गुण।

मूंगफली तेल कैसे काम करता है?

यह एक हर्बल सप्लिमेंट है और कैसे काम करता है। इसके संबंध में अभी कोई ज्यादा शोध उपलब्ध नहीं हैं। इस बारे में और अधिक जानकारी के लिए आप किसी हर्बल विशेषज्ञ या फिर किसी डॉक्टर से संपर्क करें। हालांकि, कुछ शोध यह बताते हैं कि इसमें फैटी एसिड अन्य तेलों के मुकाबले काफी संतुलित मात्रा में होता है, जिसके कारण शरीर में फैट अधिक नहीं बढ़ता। इसमें स्टेरिक एसिड, पॉल्म‍िलिक एसिड, लिनोबनानेलिक एसिड और ओलिक एसिड पाया जाता है जो आपको सेहतमंद बनाए रखने में मदद करता है और कैंसर से बचाता है। इसमें भरपूर मात्रा में एमयूएफए होता है और मोनौसैचुरेटेड – ‘अच्छा फैट’ ज्यादा व सैचुरेटेड ‘बुरा फैट’ कम होता है, जो बैड कोलेस्ट्रॉल को शरीर में नहीं पहुंचने देता और ह्रदय के रोगों से बचाता है। इसमें विटामिन-ई भरपूर होता है, जो त्वचा के स्वास्थ्य को भी बढ़ाता है।

सावधानियां और चेतावनी संपादित करें

मूंगफली तेल का इस्तेमाल करने से पहले मुझे क्या पता होना चाहिए? संपादित करें

निम्नलिखित परिस्थितियों में इसका इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर या हर्बलिस्ट से सलाह लें:

यदि आप प्रेग्नेंट या ब्रेस्टफीडिंग करा रही हैं। दोनों ही स्थितियों में सिर्फ डॉक्टर की सलाह पर ही दवा खानी चाहिए।

यदि आप अन्य दवाइयां ले रही हैं। इसमें डॉक्टर की लिखी हुई और गैर लिखी हुई दवाइयां शामिल हैं, जो मार्केट में बिना डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन के खरीद के लिए उपलब्ध हैं।

यदि आपको मूंगफली तेल के किसी पदार्थ या अन्य दवा या औषधि से एलर्जी है।

यदि आपको कोई बीमारी, डिसऑर्डर या कोई अन्य मेडिकल कंडिशन है।

यदि आपको फूड, डाई, प्रिजर्वेटिव्स या जानवरों से अन्य प्रकार की एलर्जी है।

अन्य दवाइयों के मुकाबले औषधियों के संबंध में रेग्युलेटरी नियम अधिक सख्त नहीं हैं। इनकी सुरक्षा का आंकलन करने के लिए अतिरिक्त अध्ययनों की आवश्यकता है। मूंगफली तेल का इस्तेमाल करने से पहले इसके खतरों की तुलना इसके फायदों से जरूर की जानी चाहिए। इसकी अधिक जानकारी के लिए अपने हर्बलिस्ट या डॉक्टर से सलाह लें।

मूंगफली तेल (सींगदाना ऑयल) कितना सुरक्षित है? संपादित करें

आमतौर पर खाने में, त्वचा पर लगाने पर और सही मात्रा में दवाई के तौर पर मूंगफली का तेल लेना सभी लोगों के लिए सुरक्षित है।

ग्राउंडनट ऑयल : विशेष सावधानियां और चेतावनी संपादित करें

प्रेग्नेंसी और ब्रेस्टफीडिंग: संपादित करें

मूंगफली तेल गर्भवती और ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली महिलाओं के लिए अधिक फायदेमंद है। लेकिन उच्च मात्रा में व दवाई के तौर पर यह तेल लेना उचित नहीं हो सकता है। यदि आप ब्रेस्ट फीडिंग या प्रेग्नेंट महिला है, तो रोजाना खुराक पर टिके रहें।

मूंगफली, सोयाबीन या ऐसे अन्य पौधों से एलर्जी: संपादित करें

जिन लोगों को मूंगफली या सोयाबीन( fabaceae) समूह के पौधों से एलर्जी है, उन्हें मूंगफली तेल से गंभीर एलर्जी रिएक्शन हो सकते हैं।

साइड इफेक्ट संपादित करें

मूंगफली तेल के सेवन से मुझे क्या साइड इफेक्ट हो सकते हैं? संपादित करें

मूंगफली के तेल में मौजूद फैटी एसिड की मात्रा के कारण, इसके ज्यादा इस्तेमाल से शरीर में कैलोरी की मात्रा बढ़ जाती है, जिसके कारण कभी कभी मोटापा बढ़ने की शिकायत हो सकती है।

मूंगफली के रिफाइंड ऑयल का प्रयोग सेहत के लिए फायदेमंद नहीं होता है। रिफाइंड करने की प्रक्रिया में मूंगफली में उपस्थित प्रोटीन की मात्रा नष्ट हो जाती है। इसके फलस्वरूप इसमें मौजूद एंटी-ऑक्सिडेंट की मात्रा भी कम हो जाती है, जिसके कारण सेहत के लिए इसके लाभ का प्रतिशत कम हो जाता है।

मूंगफली ग्रीन मोल्ड यानी एक प्रकार के फफूंद से प्रभावित हो सकती है। ऐसी मूंगफली के तेल का यदि प्रयोग किया गया, तो यह शरीर में एफलेटॉक्सिन नामक जहरीले पदार्थ का निर्माण करती है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। इसके कारण लिवर प्रभावित होने पर पीलिया की बीमारी की शुरुआत हो सकती है|

यदि मूंगफली के तेल को निकालने से पूर्व मूंगफली को ज्यादा गर्म या नमी वाले स्थान पर संग्रहित किया गया होगा, तो हो सकता है कि ऐसी मूंगफली का तेल सेहत के लिए नुकसानदायक हो।

हालांकि, हर किसी को ये साइड इफेक्ट हों, ऐसा जरूरी नहीं है, कुछ ऐसे भी साइड इफेक्ट हो सकते हैं, जो ऊपर बताए नहीं गए हैं। अगर आपको इनमें से कोई भी साइड इफेक्ट महसूस हो या आप इनके बारे में और जानना चाहते हैं तो नजदीकी डॉक्टर से संपर्क करें।

मूंगफली तेल से मुझे क्या रिएक्शन हो सकते हैं? संपादित करें

किसी रोग के निवारण के लिए प्रयोग किए जाने वाली दवाओं का सेवन कर रहे रोगियों को मूंगफली के तेल के प्रयोग से नुकसान संभव हो सकता है।अतः किसी भी गंभीर रोग से ग्रस्त होने पर भोजन में उपयोग किए जाने वाले तेल के विषय में डॉक्टर की सलाह लेना आवश्यक होता है।

डोसेज संपादित करें

मूंगफली तेल की सामान्य डोज क्या है? संपादित करें

हर मरीज के मामले में मूंगफली तेल की डोज अलग हो सकती है। जो डोज आप ले रहे हैं वो आपकी उम्र, हेल्थ और दूसरे अन्य कारकों पर निर्भर करता है। औषधियां हमेशा ही सुरक्षित नही होती हैं। मूंगफली तेल के उपयुक्त डोज के लिए अपने हर्बलिस्ट या डॉक्टर से सलाह लें।

उपरोक्त जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं हो सकती। इसका इस्तेमाल करने से पहले हमेशा अपने डॉक्टर या हर्बलिस्ट से सलाह लें।