मृतकों की मण्डी(Market Place of Dead) पंजाब आनंदपुर साहिब के निकट एक डेरा (शिविर) है। यह स्थान चंडीगढ़ से आनंदपुर साहिब जाती सड़क पर जाते हुए इतिहासक गुरदुआरे से कुछ पहले बाई तरफ मुडती लिंक सडक पर करीब एक किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

"मृतकों की मण्डी" (डेरा) ,आनंदपुर साहिब ,पंजाब (साइन-बोर्ड)
"मृतकों की मण्डी" (डेरा) ,आनंदपुर साहिब ,पंजाब"

इतिहास संपादित करें

यह स्थान एक रिटाएर सैनिक ने बनवाया था। एस डेरे की खास प्रथा यह है कि अगर कोई इसका अनुयाई बनना चाहता है तो उसे पहले मरना पड़ता है अत: मरा हुआ घोषित करना पड़ता है। उसे खुद अपनी कबर खोदनी पड़ती है और उसमें एक दिन के लिए रहना पड़ता है। उसे खुद की अपनी अंतिम रस्में भी करनी पड़ती है। इसके बाद उसे खुद को मर हुआ घोषित करना पड़ता है और अपने नाम पर धन सम्पति का त्याग करना पड़ता है। एस डेरे के मान्य शिष्य को वस्त्र भी टाट की बोरी के डालने होते हैं और इर्ध गिरध के गुरद्वारों से बचा हुआ लंगर का और फैका हुआ भोजन इकठा करके सुखा कर महीनो तक खाना होता है। इस डेरे के अनुयाई अपना समय प्रभू की बंदगी करके और डेरे के नज़दीक बसे गावं के लोगों और बीमार तथा बेसहारा लोगों की मदद करके बिताते हैं[1] [2]


इन्हें भी देखें संपादित करें

सन्धर्भ संपादित करें

  1. "संग्रहीत प्रति". मूल से 26 जून 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 26 जून 2015.
  2. "संग्रहीत प्रति". मूल से 26 जून 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 26 जून 2015.