मृदा यांत्रिकी
भूयांत्रिकी (Soil mechanics), इंजीनियरी यांत्रिकी (engineering mechanics) की एक शाखा है जो भूमि के गुणधर्मों का अध्ययन एवं वर्णन करती है। यह तरल यांत्रिकी एवं ठोस यांत्रिकी से इस अर्थ में अलग है कि भूमि गैस (हवा), द्रव (जल आदि) एवं ठोस (मिट्टी, रेत आदि) के विषमांग मिश्रण से बनी होती है। इसके अलावा भूमि में जैव ठोस, द्रव एवं गैसें भी हो सकतीं हैं। शैल यांत्रिकी (rock mechanics) और भूयांत्रिकी मिलकर भूतकनीकी इंजीनियरी का सैद्धान्तिक आधार तैयार करते हैं। भूतकनीकी इंजीनियरी, सिविल इंजीनियरी का उपविषय है। भूतकनीकी का उपयोग भवनों तथा पुलों की नींव, रिटेनिंग दीवार, तथा बांध के निर्माण में होता है।
सन्दर्भ
संपादित करेंमृदा यांत्रिकी का ज्ञान हमारे लिए एवं आने वाली पीढ़ियों के लिए अत्यंत आवश्यक है
बाहरी कड़ियाँ
संपादित करें- केन्द्रीय मृदा एवं सामग्री अनुसंधानशाला (CSMRS), जल संसाधन मंत्रालय, भारत सरकार
- Soil Mechanics notes and Lectures
यह लेख एक आधार है। जानकारी जोड़कर इसे बढ़ाने में विकिपीडिया की मदद करें। |