मौतिनी (अरबी: موطني), जिसका हिंदी अर्थ 'मेरी गृहभूमि' है, इराक का राष्ट्रगान है। यह कविता फ़िलिस्तीनी कवि इब्राहिम तुकान द्वारा लिखी गई थी जिसे मुहम्मद फ़्लेफ़िल ने संघटित किया था। सारे अरब जगत में प्रसिद्ध इस गीत में, फ़िलिस्तीनी संघर्ष को सराहा गया है और इस प्रकार यह पूरे अरब जगत की एकता को अभिव्यक्त करता है। इसे २००४ में सद्दाम हुसैन के तख्ता पलट के बाद इराक में राष्ट्रगान के रूप में अपनाया गया।

موطني
हिन्दी: मेरी गृहभूमि
मौतिनी
राष्ट्रीय जिसका राष्ट्रगान है  इराक
बोल इब्राहिम तुकान, १९३४ के लगभग
संगीत मुहम्मद फ़्लेफ़िल
घोषित २००४
संगीत के नमूने
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मौतिनि के बोल संपादित करें

अरबी बोल देवनागरी लिप्यंतर हिन्दी अनुवाद
مَوطِنِي مَوطِنِي
الجلالُ والجمالُ والسَّنَاءُ والبَهَاءُ
في رُبَاكْ في رُبَاكْ
والحياةُ والنجاةُ والهناءُ والرجاءُ
في هواكْ في هواكْ
هلْ أراكْ هلْ أراكْ
سالِماً مُنَعَّماً و غانما مكرما
سالما منعما و غانما مكرما
هلْ أراكْ في عُلاكْ
تبلُغُ السِّمَاكْ تبلغُ السِّمَاكْ
مَوطِنِي مَوطِنِي
مَوطِنِي مَوطِنِي
الشبابُ لنْ يكِلَّ هَمُّهُ أنْ تستَقِلَّ
أو يَبيدْ أو يَبيدْ
نَستقي منَ الرَّدَى ولنْ نكونَ للعِدَى
كالعَبيدْ كالعَبيدْ
لا نُريدْ لا نُريدْ
ذُلَّنَا المُؤَبَّدا وعَيشَنَا المُنَكَّدا
ذُلَّنَا المُؤَبَّدا وعَيشَنَا المُنَكَّدا
لا نُريدْ بلْ نُعيدْ
مَجدَنا التّليدْ مَجدَنا التّليدْ
مَوطِنِي مَوطِنِي
مَوطِنِي مَوطِنِي
الحُسَامُ و اليَرَاعُ لا للكلامُ والنزاعُ
رَمْزُنا رَمْزُنا
مَجدُنا و عهدُنا وواجبٌ منَ الوَفا
يهُزُّنا يهُزُّنا
عِزُّنا عِزُّنا
غايةٌ تُشَرِّفُ و رايةٌ ترَفرِفُ
غايةٌ تُشَرِّفُ و رايةٌ ترَفرِفُ
يا هَنَاكْ في عُلاكْ
قاهِراً عِداكْ قاهِراً عِداكْ
مَوطِنِي مَوطِنِي
मौतिनी मौतिनी
अल्जलालु वल्जमालु वस्सनाउ वल्बहाउ
फी रुबाक्‌ फी रुबाक्‌
वल्हयातु वन्नजातु वल्हनाउ वर्रजाउ
फी हवाक्‌ फी हवाक्‌
हल्‌ अराक्‌ हल्‌ अराक्‌
सालिमन्‌ मुनाअमन्‌ व गानिमन्‌ मुकर्रमन्‌
सालिमन्‌ मुनाअमन्‌ व गानिमन्‌ मुकर्रमन्‌
हल्‌ अराक्‌ फी औलाक्‌
तब्लुगु स्सिमाक्‌ तब्लुगु स्सिमाक्‌
मौतिनी मौतिनी
मौतिनी मौतिनी
अश्शबाबु लन्‌ यकिल्ल हम्महु अन्‌ यस्तकिल्ल
औ यबीद्‌ औ यबीद्‌
नस्तकी मिन र्रदा व लन्‌ नकुन लिल्‌ऐदा
किल्‌अबीद्‌ किल्‌अबीद्‌
ला नुरीद्‌ ला नुरीद्‌
दुल्लन्‌ अल्मुअब्बदा व ऐशन्‌ अल्मुनक्कदा
दुल्लन्‌ अल्मुअब्बदा व ऐशन्‌ अल्मुनक्कदा
ला नुरीद्‌ बल्‌ नॉईद
मज्दना त्तलीद्‌ मज्दना त्तलीद्‌
मौतिनी मौतिनी
मौतिनी मौतिनी
अल्हुसामु वल्यराउ ल ल्कलामु वन्निझाउ
रम्झुना रम्झुना
मज्दुना व अह्दुना व वाजिबुन्‌ इल ल्वफा
यहुझ्झुना यहुझ्झुना
ऐझ्झुना ऐझ्झुना
गायतुन्‌ तुशर्रिफु व रायतुन्‌ तुरफ्रिफु
गायतुन्‌ तुशर्रिफु व रायतुन्‌ तुरफ्रिफु
या हनाक्‌ फी औलाक्‌
काहिरन्‌ ऐदाक्‌ काहिरन्‌ ऐदाक्‌
मौतिनी मौतिनी

मेरी गृहभूमि, मेरी गृहभूमि
प्रतिष्ठा और सौन्दर्य, गौरव और वैभव
तुम्हारी पहाड़ियों में हैं, तुम्हारी पहाड़ियों में हैं
जीवन और उद्धार, हर्ष और आशा
तुम्हारी हवाओं में हैं, तुम्हारी हवाओं में हैं
क्या मैं तुम्हें देखूंगा? क्या मैं तुम्हे देखूंगा?
सुरक्षित और आरामदायक, निरोग और सम्मानित
क्या मैं तुम्हें तुम्हारी श्रेष्ठता में देख पाऊंगा?
सितारों तक की पहुँच लिए, सितारों तक की पहुँच लिए
मेरी गृहभूमि, मेरी गृहभूमि

मेरी गृहभूमि, मेरी गृहभूमि
इसके युवा नहीं थकेंगे, तुम्हारी स्वतन्त्रता तक
या वे मरेंगे
हम मृत्यु को गले लगाएंगे
और तुम्हारे शत्रुओं के कभी नहीं
दास बनेंगे, दास बनेंगे
हम नहीं चाहते, हम नहीं चाहते
चिरकालिक अपमान
और न ही एक दयनीय जीवन
हम नहीं चाहते
पर हम वापिस लाएंगे
हमारा दास्तानी वैभव, हमारा दास्तानी वैभव
मेरी गृहभूमि, मेरी गृहभूमि

मेरी गृहभूमि, मेरी गृहभूमि
तलवार और कलम
नाकि बात और कलह
हमारे प्रतीक हैं, हमारे प्रतीक हैं
हमारी महिमा और हमारा प्रतिज्ञापत्र
और एक कर्तव्य निष्ठावान होने के लिए
हमें अग्रसर करता है, हमें अग्रसर करता है
हमारी महिमा, हमारी महिमा
एक सम्मानदायक उद्देश्य है
और एक लहराता मानक
हे, तुम देखो, अपनी गरिमा में
अपने शत्रुओं पर विजई, अपने शत्रुओं पर विजई
मेरी गृहभूमि, मेरी गृहभूमि