मेलविल डि मेलो' (१९१३ – ४ जून १९८९) आकाशवाणी में भारतीय रेडियो प्रसारक थे। वो उच्च गुणवता की रपटों और स्वतंत्र भारत में विभिन्न समयों पर उत्तम भाष्य के लिए जाने जाते थे। उनका सबसे महत्वपूर्ण कार्य दिल्ली में महात्मा गाँधी के दाह संस्कार को लगातार सात घण्टे तक प्रसारित करने के लिए जाना जाता है।[1] उन्हें उनकी प्रसारण सेवा के लिए भारत सरकार ने १९६३ में पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया।[2][3][4][5]

पूर्व जीवन और शिक्षा

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डि मेलो की शिक्षा 'सेंट जॉर्ज कॉलेज, मसूरी' से आरम्भ हुई। रेडियो पर काम करने से पहले उन्हें पंजाब रेजीमेण्ट में लेफ्टिनेंट की नौकरी मिली।[6] उनका विवाह कोरली एम्मा डि मेलो से हुआ।[7]

  1. "Monthly grant of widow of Melville De Mellow restored" (अंग्रेज़ी में). नई दिल्ली: वेब इंडिया १२३. २३ सितम्बर २०१३. मूल से 14 जुलाई 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि १५ जून २०१४.
  2. "संग्रहीत प्रति". मूल से 17 फ़रवरी 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 15 जून 2014.
  3. आर॰वी॰ मूर्ति (२ नवम्बर २००३). "His voice refuses to retire" [उनकी आवाज सेवनिवृति से मना करती है] (अंग्रेज़ी में). द हिन्दू. मूल से 14 जुलाई 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि १५ जून २०१४.
  4. सिद्धार्थ रॉय (२६ जन्वरी २०१३). "The voice that put life into R-Day parades" (अंग्रेज़ी में). हिन्दुस्तान टाइम्स. मूल से 27 जनवरी 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि १५ जून २०१४. |date= में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)
  5. अनूज कुमार (२ मार्च २००८). "Why the awards matter" (अंग्रेज़ी में). द हिन्दू. मूल से 16 मई 2008 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि १५ जून २०१४.
  6. "Melville De Mello (The Late Great Broadcaster)" (अंग्रेज़ी में). इंडिया-एल आर्काइव्ज़. मूल से 14 अक्तूबर 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि २२ जून २०१३.
  7. "'Help Melville De Mellow's wife'". द हिन्दू (अंग्रेज़ी में). १६ मई २०१२. मूल से 26 मई 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि २२ जून २०१४.