मैं वक़्त के हूँ सामने
गिरिजाकुमार माथुर द्वारा रचित एक कविता–संग्रह
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मैं वक़्त के हूँ सामने हिन्दी के विख्यात साहित्यकार गिरिजाकुमार माथुर द्वारा रचित एक कविता–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 1991 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।[1]
मैं वक़्त के हूँ सामने | |
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[[चित्र:|]] मैं वक़्त के हूँ सामने | |
लेखक | गिरिजाकुमार माथुर |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
विषय | साहित्य |
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "अकादमी पुरस्कार". साहित्य अकादमी. मूल से 15 सितंबर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 11 सितंबर 2016.
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