माइकल गंज एन एच २४ पर स्थित एक कस्बा जो जनपद खीरी के अंतर्गत आता है, एक अंग्रेज के नाम पर बसा यह गाँव, जिसे स्थानीय बोली में मैगलगंज के नाम से जानते हैं

जयराम स्वीट हाउस मैगलगंज बाईपास स्थित मशहूर गुलाब जामुन की पुरानी दुकान स्पेशल मशहूर गुलाब जामुन स्पेशल चाय पकोड़ा किंग के नाम से मशहूर है गुलाब जामुन की खास बात यह है कि मुंह में जाते ही घुल जाते हैं

इसीलिए मशहूर है गुलाब जामुन देश के देश के आजाद होने के पहले से यानी की आजादी के पहले से ही मशहूर है मैगलगंज में गुलाब जामुन एक बार अगर खाए तो आप एक बार चख के तो देखें मजा आ जाएगा मैगलगंज /

मैगलगंज का नाम मैगलगंज कैसे पड़?

मैगलगंज का नाम एक अंग्रेज के नाम से प्रसिद्ध है जिसका नाम माइकल था उसी के नाम से आज तक मैगलगंज के नाम से जाना जाता है और आजादी के पहले से गुलाब जामुन यहां पर प्रसिद्ध है वह पुरानी दुकान जयराम स्वीट के नाम से प्रसिद्ध है और यही पुरानी दुकान है गुलाब जामुन खाने के बाद मुंह में खुल जाते हैं और खास बात यह है कि गुलाब जामुन में गांठ यानी की गुठली नहीं होती है शुद्ध देसी घी के गुलाब जामुन सिर्फ आपको जय राम स्वीट पर ही मिलेंगे बाकी सभी कॉपीराइट दुकान है अगर आप असली गुलाब जामुन खाना या पसंद करते हैं तो गूगल पर सर्च करके जय राम स्वीट पर आ सकते हैं

यह कस्बा अपने रसगुल्लों के लिए मशहूर है, ब्रिटिश उपनिवेश के समय यहाँ के रसगुल्ले इंग्लैण्ड तक जाते थे, यहाँ की स्थानीय कहानियों में ब्रिटेन की महारानी को भी यहाँ के रसगुल्ले पसंद थे.

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