मैग्नेसाइट (Magnesite) मैग्नीशियम कार्बोनेट है। क्षारीय तापरोधक खनिजों में सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। यह खनिज सफेद होता है और उसका आपेक्षिक घनत्व 2.9 से 3.1 है। मैग्नेसाइट के निक्षेप प्रधानतः तमिलनाडु के सेलम; मैसूर तथा उत्तराखंड के पिथौरा बगेशबरअल्मोडा जिले में स्थित हैं। कुछ लघु निक्षेप कुर्ग (राजस्थान) तथा बिहार में भी प्राप्त हुए हैं। सेलम तथा मैसूर के निक्षेपों में अनुमानत: 100 फुट की गहराई तक प्राय: 10 करोड़ टन खनिज विद्यमान हैं। अल्मोड़ा के निक्षेप भी पर्याप्त विस्तृत हैं, किंतु इन निक्षेपों के संबंध में अनेक बातों का अभी ज्ञात नहीं हो सका है। सलेम का मैग्नेसाइट निक्षेप उच्च कोटि का होता है। यातायात के साधनों के अभाव के कारण इनपर कोई विशेष कार्य न किया जा सके, किंतु भविष्य में ये पर्याप्त लाभदायक सिद्ध होगें, इसमें भी कोई संदेह नहीं।

मैग्नेसाइट (Magnesite)

ब्राजील से प्राप्त मैग्नेसाइट क्रिस्टल (11.4 x 9.2 x 3.6 cm)
सामान्य
वर्गकार्बोनेट खनिज
रासायनिक सूत्रMgCO3
पहचान
वर्णColorless, white, pale yellow, pale brown, faintly pink, lilac-rose
क्रिस्टल हैबिटUsually massive, rarely as rhombohedrons or hexagonal prisms
क्रिस्टल प्रणालीत्रिकोणीय
क्लीवेज[1011] perfect
फ्रैक्चरConchoidal
टैनेसिटीBrittle
मोह्ज़ स्केल सख्तता3.5 – 4.5
चमकVitreous
रिफ्रैक्टिव इंडेक्सnω=1.508 – 1.510 nε=1.700
ऑप्टिकल गुणUniaxial (-)
बाइरिफ्रिंजैंस0.191
स्ट्रीकwhite
स्पैसिफिक ग्रैविटी3.0 – 3.2
फ्यूजि़बिलिटीinfusible
घुलनशीलताEffervesces in hot HCl
डायफनैटीTransparent to translucent
अन्य लक्षणMay exhibit pale green to pale blue fluorescence and phosphorescence under UV; triboluminescent
सन्दर्भ[1][2][3][4]

इसका उपयोग ऊष्मा प्रतिरोधक ईंटों के निर्माण, इस्पात और विद्युत् भटिठयों में आस्तर देने में और सीमेंट बनाने में होता है। इसके लवणों का व्यवहार औषधियों, कागज और लुगदी के निर्माण, उनके धोने और पेंट बनाने में होता है।

सन्दर्भ एवं बाहरी कड़ियाँ संपादित करें

  1. http://rruff.geo.arizona.edu/doclib/hom/magnesite.pdf Handbook of Mineralogy
  2. http://www.mindat.org/min-2482.html Mindat.org
  3. http://webmineral.com/data/Magnesite.shtml Webmineral data
  4. Klein, Cornelis and Cornelius S. Hurlbut, Jr., Manual of Mineralogy, Wiley, 20th ed., p. 332 ISBN 0-471-80580-7