मोठ एक प्रकार का दलहन होता है। इससे दाल मिलती है। यह केल्शियम, फॉस्फोरस, कार्बोहाइड्रेट व विटामिनों से युक्त तथा कृमि नाशक व ज्वर नाशक होती है।

मोठ, मूँग की तरह का एक प्रकार का मोटा अन्न है जो वनमूँग भी कहा जाता है। यह प्रायः सारे भारत में होता है। इसकी बोआई ग्रीष्म ऋतु के अंत या वर्षा के आरंभ में और कटाई खरीफ की फसल के साथ जाड़े के आरंभ में होती है। यह बहुत ही साधारण कोटि की भूमि में भी बहुत अच्छी तरह होता है और प्रायः बाजरे के साथ बोया जाता है। अधिक वर्षा से यह खराब हो जाता है। इसकी फलियों में जो दाने निकलते हैं, उनकी दाल बनती है। यह दाल साधारण दालों की भाँति खाई जाती है और मंदाग्नि अथवा ज्वर में पथ्य की भाँति भी दी जाती है। वैद्यक में इसे गरम, कसैली, मधुर, शीतल, मलरोधक, पथ्य, रुचिकारी, हलकी, बादी, कृमिजनक, तथा रक्तपित्त, कफ, वाव, गुदकील, वायुगोले, ज्वर, दाह और क्षयरोग की नाशक माना है। इसकी जड़ मादक और विषैली होती है।