मोहन दयाराम भवनानी का जन्म १९०३ में अविभाजित भारत के सिंध प्रांत के हैदराबाद (पाकिस्तान) नगर में हुआ था।[1] विभाजन के बाद वे भारत आ गए थे। वे हिन्दी फ़िल्मों के निर्माता, निर्देशक और लेखक के रूप में जाने जाते हैं। उन्होंने १९२५ में अपनी पहली फ़िल्म वीरबाला[2] बतौर निर्देशक बनाई। इसमें प्रमुख भूमिका उन दिनों की नवोदित अभिनेत्री सुलोचना ने निभाई थी। सुलोचना की भी यह पहली फ़िल्म थी। १९३४ में उन्होंने प्रेमचंद जैसे प्रसिद्ध हिन्दी लेखक के साथ मजदूर (1934 फ़िल्म) नामक फ़िल्म बनाई। बीसवें दशक से पचासवें दशक तक विस्तृत कार्यकाल में लगभग २५ फिल्मों के निर्माता मोहन भवनानी की अंतिम फिल्म १९५७ में बनी हिमालयन टेपेस्ट्री थी। यह फ़िल्म अंग्रेज़ी में बनी एक वृत्तचित्र थी।[3] ३० दिसंबर १९६२ को मुंबई में उनका देहांत हो गया।

सन्दर्भ संपादित करें

  1. "Mohan Dayaram Bhavnani" (अंग्रेज़ी में). आईएमडीबी. अभिगमन तिथि २६ जून 2008. |access-date= में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)
  2. "Mohan Dayaram Bhavnani" (अंग्रेज़ी में). चकपक. अभिगमन तिथि २६ जून 2008. |access-date= में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)[मृत कड़ियाँ]
  3. "Mohan Dayaram Bhavnani" (अंग्रेज़ी में). चकपक. मूल से 25 मार्च 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि २६ जून 2008. |access-date= में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)