मौसम

वायुमंडल की स्थिति

मौसम किसी स्थान की अल्पकालीन वायुमंडलीय दशाओं (वृष्टि, आर्द्रता, वायुदाब, पवन, तापमान, मेघ) का द्योतक है। इस प्रकार मौसम की यह विशेषता है कि यह कभी भी स्थिर न रह कर निरंतर परिवर्तनशील एवं गतिशील रहता है।[1]

तूफान का मौसम

प्रायः हम मौसम, ऋतुजलवायु को एक ही समझ लेते हैं किंतु तीनों में पर्याप्त अंतर है। मौसम जहां अल्पकालीन पर्यावरणीय गतिविधियों का द्योतक है वहीं ऋतुएं अपेक्षाकृत अधिक समय (3 - 4 माह) में होने वाली पर्यावरणीय गतिविधियों का बोध कराती हैं। जबकि जलवायु लम्बी समयावधि में औसत वायुमंडलीय स्थितियों को संबोधित करता है। विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMD) ने जलवायु के लिए मौसम के विभिन्न तत्वों का औसत निकालने हेतु 31 वर्षों की अवधि को प्रमाणिक माना है। मौसम को प्रभावित करने वाली अधिकांश घटनाएं क्षोभ मंडल (ट्रोपोस्फीयर) में होती हैं।[2]

पारितंत्र के अनुसार छह ऋतुएँ

मौसम का पूर्वानुमान संपादित करें

मानव जीवन की नियमित गतिविधियों को सुचारु रूप से चलाने एवं भविष्य की योजाओं को बनाने के लिए मौसम का पूर्वानुमान अति आवश्यक है। मौसम को आमतौर पर तापमान, आर्द्रता, वायुदाब, हवा की गति और दिशा, बादलों और वर्षा के पैटर्न के रूप में नापा जाता है। इन कारकों को एक साथ जोड़कर, हम मौसम का पूर्वानुमान लगा सकते हैं।[3]। मौसम व इसके घटकों का अध्ययन मौसम विज्ञान में किया जाता है।

मौसम के तत्व संपादित करें

मौसम परिवर्तन होने के विभिन्न तत्व हैं जैसे - वायुदाब, तापमान, आर्द्रता, धूलकण, उच्चावच एवं वायु प्रवाह की गति व दिशा आदि।[4]

तापमान संपादित करें

वायुमंडल का तापमान, मौसम एवम् जलवायु का एक महत्वपूर्ण तत्व है। वास्तव में ताप या ऊष्मा एक प्रकार की ऊर्जा है जिससे पदार्थ गर्म होते है जबकि तापमान इस गर्मी की माप को कहते है। तथापि मौसम के संदर्भ में तापमान से आशय पृथ्वी पर पहुंचने वाली सौर ऊष्मा (सूर्यातप) से है। सूर्य से धरातल पर आने वाली ऊष्मा पृथ्वी के तापमान अर्थात मौसम को प्रभावित करती है। यह ताप मापक यंत्र के द्वारा सेल्सियस, (सें.ग्रे.), फाहरेनहाइट, रियूटर या केल्विन पैमाना में मापी जाती है।

वायुदाब संपादित करें

धरातल या सागर तल पर क्षेत्रफल की प्रति इकाई के ऊपर स्थित वायुमंडलीय आवरण के पड़ने वाले भार को वायुदाब कहते हैं। वायुदाब की खोज सर्वप्रथम ग्यूरिक्स (1651) के द्वारा की गई। यद्यपि वायुदाब प्रत्यक्ष रूप से मौसम एवं जलवायु का प्रधान कारक नहीं है, किंतु अप्रत्यक्ष रूप से हवाओं का नियंत्रण करके वर्षा और तापमान को प्रभावित करती है।[5]

आर्द्रता संपादित करें

वायुमंडल में विद्यमान जलवाष्प की मात्रा आर्द्रता कहलाती है। सम्पूर्ण वायुमंडल में औसतन रूप से 2% आर्द्रता पाई जाती है। आर्द्रता का 50% भाग वायुमंडल के निचले परिवर्तन मंडल में 2000 मीटर तक पाया जाता है। आर्द्रता की मात्रा स्थान विशेष पर कम और अधिक पाई जाती है। इसकी मात्रा रेगिस्तान में कम और गर्म सागरों के ऊपर अधिक होती है। इसकी मात्रा ऊंचाई के साथ घटती जाती है। आर्द्रता धरातल पर मौसम को प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करती है।[6]

पवन की दिशा संपादित करें

मौसम वेधशालाओं में पवन की 16 दिशाएं प्रमाणिक मानी जाती है। इन दिशाओं का निर्धारण दिक्सूचक को उत्तर दिशा में रखकर 0° से 22°30' के अंतराल पर विभाजित करके किया गया है। पवन जिस दिशा से आती है उसे पवन की दिशा कहते हैं जैसे पवन अगर पूर्व से पश्चिम दिशा की ओर आ रही है तो उसे पवन की पूर्व दिशा माना जायेगा। पवन की दिशाएं किसी स्थान के तापमान, वर्षा तथा आर्द्रता को प्रभावित करके अप्रत्यक्ष रूप से मौसम को प्रभावित करती है।

पवन की गति संपादित करें

धरातल के लगभग समानांतर प्रवाहित होने वाली वायु को पवन कहते है। यह मौसम का ऐसा तत्व है जो तापमान एवं वर्षा आदि अनेक तत्वों पर प्रभावकारी नियंत्रण रखता है। तीव्रगति से प्रवाहित होने वाली वायु ही ऊष्मा तथा आर्द्रता को भूतल को एक भाग से दूसरे भाग की ओर स्थानांतरित करती है। पवन उच्च वायुदाब से निम्न वायुदाब की ओर प्रवाहित होता है। इसकी प्रवाह दिशा एवं गति दोनों मौसम को प्रभावित करती हैं।[7]

बादल संपादित करें

बादल या मेघ जलवाष्प व धूल कण के वे द्रवीभूत सूक्ष्मकण होते हैं जो पृथ्वी सतह से विभिन्न ऊंचाइयों पर वायुमंडल में तैरते हैं। वायुमंडल में विद्यमान आर्द्रत के संघनन से इन सूक्ष्म जलकणों व हिमकणों का निर्माण होता है। इस प्रकार मेघों का वायुमंडल में कम, ज्यादा होना अथवा उनका रंग काला, सफ़ेद, भूरा या नीला होना मौसम को प्रभावित करता है।

 
कपासी वर्षा बादल

मौसम मापने के उपकरण संपादित करें

मौसम के तत्वों और उसके विविध प्रकार के मापक यंत्रों का विवरण निम्नलिखित सारणी में दर्शाया गया है[8] -

मौसम के तत्व और उसके मापक यंत्र
क्रमांक मौसम के तत्व मापक उपकरण डिजिटल उपकरण चित्र
1. तापमान नेत्र अभिलेखी थर्मामीटर, तापलेखी (फाहरेनहाइट एवं सेंटीग्रेट), सिक्स का उच्चतम व न्यूनतम तापमान डिजिटल थर्मामीटर
 
तापमापी
2. वर्षा वर्षामापी (रेन गेज) वर्षा लेखी
 
मानक वर्षामापी
3. आर्द्रता हाइग्रोमीटर, आर्द्र एवं शुल्क बल्ब तापमामी, केश आर्द्रता मापी आर्द्रता लेखी, डिजिटल हाइग्रोमीटर
 
डायल वाला आर्द्रतामापी
4. वायुदाब बैरोमीटर, पारदवायुदाब मापी, फोर्टिन का वायुदाब मापी, निर्द्रव वायुदाब मापी वायुदाब लेखी, डिजिटल बैरोमीटर
 
पारे पर आधारित एक बैरोमीटर
5. पवन वेग पवन वेग मापी (एनिमोमीटर) डिजिटल एनिमोमीटर पवन वेग मापी
 
जॉन थॉमस राम्नी राबिन्सन द्वारा विकसित अर्धगोलाकार कप पवन-वेग-मापी
6. पवन की दिशा वात दिग्दर्शक -
 
उत्तरी केरोलिना में एक वात दिग्दर्शक

मौसम के प्रकार संपादित करें

पृथ्वी पर हम निम्नलिखित प्रकार के मौसम का अनुभव करते हैं।[9]

धूप वाला संपादित करें

धूप एक आवश्यक मौसम संबंधी घटक है जो प्रत्यक्ष रूप से धरातल पर मौसम को प्रभावित करता है। किसी क्षेत्र का तापमान सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति से निर्धारित होता है जबकि सूर्य का प्रकाश वायुमंडल में उपस्थित बादलों, धूलकणों, जलवाष्प तथा उच्चावच द्वारा प्रभावित होता है। जिन क्षेत्रों को अधिक सूर्यातप मिलता है उनका औसत तापमान प्रायः उन क्षेत्रों की तुलना में अधिक होता है जिन्हें सूर्यातप कम मिलता है।

मेघाच्छादित संपादित करें

मेघाच्छादित मौसम वह मौसम है जब वायुमंडल में अधिक मात्रा में बादलों की उपस्थिति के कारण सूर्य का प्रकाश सीधे पृथ्वी तक नहीं आ पाता है अथवा कम मात्रा में आता है। यह मौसम सामान्यतः अपेक्षाकृत ठंडा होता है तथा कभी कभी उमस भरा होता है। ऐसे बादल पृथ्वी तल से लेकर 12मील की ऊंचाई तक होते हैं।

वर्षा का मौसम संपादित करें

वर्षा का मौसम तब होता है जब वायुमंडल में बादलों में उपस्थित जल वाष्प संघनित हो कर जल की बूंदों के रुप में धरातल पर गिरती है। जब बादल पानी की बूंदों से बहुत घने हो जाते हैं, तो वे बारिश के रूप में पृथ्वी पर गिरते हैं। तूफ़ान में तीव्र वर्षा के साथ-साथ बिजली, गड़गड़ाहट और, कुछ स्थितियों में, तेज़ हवाएँ और ओले शामिल होते हैं। तूफ़ान, जो अविश्वसनीय रूप से तेज़ हवाओं के साथ घूमते तूफ़ान हैं, कहीं अधिक खतरनाक हैं। तूफान, जिसमें भारी बारिश भी होती है, अपनी तेज़ हवा की गति के कारण बारिश और तूफ़ान से अधिक हानिकारक होते हैं।[10]

हिमाच्छन्न संपादित करें

बर्फ़ीला तूफ़ान एक प्रकार की मौसमी घटना है जिसमें बर्फ़ीली वर्षा होती हैं। जब तापमान शून्य से नीचे चला जाता है तो बर्फ़ीला तूफ़ान आता है और बर्फ़ की वर्षा होती है। बर्फ़ीला तूफ़ान अधिक कठोर शीतकालीन मौसम की घटनाएं हैं जो भारी बर्फबारी और 35 मील प्रति घंटे से अधिक की शक्तिशाली हवाएं पैदा करती हैं।

मौसम को प्रभावित करने वाले कारक संपादित करें

मौसम को प्रभावित करने वाले विभिन्न कारक होते हैं जो मौसम के तत्वों को दैनिक परिवर्तित करके मौसम के बदलाव में सहायक होते हैं। इस तरह से मौसम का पूर्वानुमान और निर्धारण किया जाता है।[11]

सौर दूरी संपादित करें

सौर दूरी का सीधा संबंध तापमान से है, इसलिए सौर दूरी मौसम को नियंत्रित करने वाले कारकों में से एक है। सौर दूरी अपनी भ्रमण कक्षा के दौरान पृथ्वी से अपनी दूरी बदलती रहती है, जिसके परिणामस्वरूप निकटतम और सबसे दूर दोनों स्थानों के बीच तापमान में 4℉ तक का अंतर होता है। ग्रह के दोलनशील झुकाव का मौसम पर कहीं अधिक प्रभाव पड़ता है क्योंकि सूर्य की ओर झुकाव या उससे दूरी और एक वर्ष से अधिक यह निर्धारित करता है कि ग्रह के उस हिस्से को कितनी गर्मी प्राप्त होगी। जब एक गोलार्ध सीधे सूर्य के प्रकाश के संपर्क में आता है, तो गर्मी का अनुभव होता है; जब यह सूर्य से दूर तिरछा हो जाता है, तो सर्दी का अनुभव होता है।

अक्षांशीय स्थान संपादित करें

मौसम अक्षांशीय स्थान के अनुसार परिवर्तित होता है। उदाहरण के लिए, भूमध्य रेखा के पास मौसम में ज्यादा उतार-चढ़ाव नहीं होता है, क्योंकि उस अक्षांश पर लगभग समान मात्रा में यानी हर दिन लगभग 12 घंटे धूप मिलती है। हालाँकि, जब आप भूमध्य रेखा से आगे बढ़ते हैं, तो आपको मौसम के अनुसार कम या ज्यादा धूप दिखाई देती है। ध्रुवीय क्षेत्रों में गर्मियों में असामान्य रूप से लंबे दिन और सर्दियों में अविश्वसनीय रूप से लंबी रातें होती हैं। जैसे-जैसे आप भूमध्य रेखा के उत्तर और दक्षिण की ओर बढ़ते हैं, गर्मी और सर्दी दोनों का तापमान धीरे-धीरे कम हो जाता है।[12]

हवा का दबाव संपादित करें

सौर विकिरण पृथ्वी को गर्म करता है, लेकिन यह असमान रूप से होता है। हवा के गर्म और ठंडे जेबें, जिन्हें वाताग्र कहा जाता है, के बीच वायुदाब में परिवर्तन से वायुदाब में परिवर्तन होता है। जब जेबों का तापमान बहुत भिन्न होता है, तो वे मिश्रण करने का प्रयास करते हैं, जिसके परिणामस्वरूप गति और दबाव होता है। जब वे बहुत भिन्न नहीं होते हैं, तो वायुमंडल कम परिवर्तित होता है, जिसके परिणामस्वरूप मौसम का परिवर्तन कम होता है।

जल की उपस्थिति संपादित करें

जल की उपस्थिति मौसम के को परिवर्तित करने में अहम भूमिका निभाती है। आस-पास के जल निकायों से वाष्पीकरण से वातावरण में नमी बढ़ जाती है, यही कारण है कि प्रमुख महासागरों या झीलों के पास, उदाहरण के लिए, अक्सर रेगिस्तान की तुलना में अधिक नमी होती है। पानी के बड़े भंडार भी हवाएँ उत्पन्न करते हैं क्योंकि ज़मीन और पानी के बीच तापमान का अंतर दिन भर हवाओं को अंदर यानी भूमि की ओर ले जाता है और रात के समय फिर से समुद्र या झीलों की ओर चला जाता है।

मौसम और जलवायु में अंतर संपादित करें

मौसम और जलवायु में अंतर[13]
अनुक्रमांक मौसम जलवायु
1. मौसम में किसी सीमित क्षेत्र की वायुमंडलीय दशाओं की लघु अवधि (प्रायः एक दिन या एक सप्ताह) का अध्ययन किया जाता है। जलवायु में, बड़े क्षेत्र की लम्बी अवधि की मौसम संबंधी दशाओं का अध्ययन किया जाता है।
2. मौसम वायुमंडलीय तत्वों, जैसे तापमान अथवा आद्रता में से किसी एक से प्रभावित हो सकता है। जलवायु वायुमंडल के विभिन्न तत्वों से संयुक्त रूप में प्रभावित होता है।
3. मौसम अक्सर बदलता रहता है। यह लगभग स्थायी है।
4. इसका प्रभाव किसी देश के छोटे से भाग में अनुभव किया जाता है। जलवायु के प्रभाव को किसी महाद्वीप के विशाल क्षेत्र में देखा जा सकता है।
5. किसी स्थान पर एक महीने में विभिन्न प्रकार के मौसमों का अध्ययन किया जाता है। किसी स्थान पर एक ही प्रकार की जलवायु होती है।

मौसम बदलने के कारण संपादित करें

 
संयुक्त राज्य अमेरिका का दैनिक मौसम मानचित्र

किसी भी क्षेत्र के मौसम में परिवर्तन विभिन्न कारणों द्वारा प्रभावित होता है। जैसा की हम जानते है मौसम को प्रभावित करने वाली एक तत्व है क्षोभमंडल, वायुमंडल का सबसे निचला क्षेत्र जो पृथ्वी की सतह से ध्रुवों पर 6-8 किमी (4-5 मील) और भूमध्य रेखा पर लगभग 17 किमी (11 मील) तक फैला हुआ है। मौसम काफी हद तक क्षोभमंडल तक ही सीमित है क्योंकि यहीं पर लगभग सभी बादल आते हैं और वर्षा होती है। क्षोभमंडल और उससे ऊपर के ऊंचे क्षेत्रों में होने वाली घटनाएं, जैसे कि जेट स्ट्रीम और ऊपरी हवा की लहरें, समुद्र-स्तर के वायुमंडलीय-दबाव पैटर्न-तथाकथित ऊंचाई और चढ़ाव-को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करती हैं और इस तरह स्थलीय सतह पर मौसम की स्थिति को प्रभावित करती हैं।[14] भौगोलिक विशेषताएं, विशेष रूप से पहाड़ और पानी के बड़े निकाय (उदाहरण के लिए, झीलें और महासागर), भी मौसम को प्रभावित करते हैं। उदाहरण के लिए, हाल के शोध से पता चला है कि समुद्र की सतह के तापमान की विसंगतियाँ लगातार मौसमों में और दूर के स्थानों पर वायुमंडलीय तापमान की विसंगतियों का एक संभावित कारण है। समुद्र और वायुमंडल के बीच मौसम को प्रभावित करने वाली ऐसी अंतःक्रियाओं की एक अभिव्यक्ति को अल नीनो / दक्षिणी दोलन (ENSO) कहते हैं। ऐसा माना जाता है कि ENSO न केवल भूमध्यरेखीय प्रशांत क्षेत्र में असामान्य मौसम की घटनाओं (उदाहरण के लिए, ऑस्ट्रेलिया में अत्यधिक गंभीर सूखा और 1982-83 में पश्चिमी दक्षिण अमेरिका में मूसलाधार बारिश) के लिए जिम्मेदार है, बल्कि अक्षांश में समय-समय पर मध्य में होने वाली घटनाओं के लिए भी जिम्मेदार है। उदाहरण के लिए, पश्चिमी यूरोप में सामान्य अंकित तापमान से भी उच्च गर्मी तापमान का और 1982-83 में मध्य संयुक्त राज्य अमेरिका में असामान्य रूप से वसंत ऋतु भारी वर्षा का होना। 1997-98 ENSO की घटना संयुक्त राज्य अमेरिका के अधिकांश हिस्सों में सर्दियों के तापमान के औसत से काफी ऊपर होने से जुड़ी थी। सामान्यतया, दुनिया के विभिन्न हिस्सों में मौसम की परिवर्तनशीलता व्यापक रूप से भिन्न होती है। यह पश्चिमी हवाओं के मध्य अक्षांश बेल्ट में सबसे अधिक स्पष्ट होता है, जहां आमतौर पर उच्च और निम्न दबाव वाले केंद्रों की यात्रा लगातार बदलते मौसम पैटर्न का उत्पादन करती है। इसके विपरीत, उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में, मौसम दिन-प्रतिदिन या महीने-दर-महीने थोड़ा भिन्न होता है।[15]

इन्हें भी देखें संपादित करें

  1. मौसम विज्ञान
  2. मौसम पूर्वानुमान
  3. मौसम मानचित्र

बाहरी कड़ियां संपादित करें

  1. ऋतु
  2. जलवायु
  3. वायुमंडल

संदर्भ संपादित करें

  1. डॉ.पुरुषोत्तम, चंद्राकर. व्यावहारिक भूगोल. संकल्प प्रकाशन. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9789388660709. अभिगमन तिथि 30 अक्टूबर 2023.
  2. "WEATHER". NATIONAL GEOGRAPHIC. अभिगमन तिथि 30 अक्टूबर 2023.
  3. "Weather Atmospheric Conditions". NATIONAL GEOGRAPHIC. अभिगमन तिथि 30 अक्टूबर 2023.
  4. Joanne, Randolph (2015). What Are the Elements of the Weather?. Britannica Educational Publishing, 2015. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9781622757787. अभिगमन तिथि 30 अक्टूबर 2023.
  5. Thomas D., Potter; Bradley Roy, Colman (2003). Handbook of Weather, Climate, and Water: Dynamics, Climate, Physical Meteorology, Weather Systems, and Measurements. Wiley-Interscience. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9780471203421. अभिगमन तिथि 30 अक्टूबर 2023.
  6. C. Donald, Ahrens (2000). Meteorology Today: An Introduction to Weather, Climate, and the Environment (6 संस्करण). Brooks/Cole Pub., 2000. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9780534373795. अभिगमन तिथि 30 अक्टूबर 2023.
  7. Hilary, Maybaum (2010). Weather on Earth. Benchmark Education Company, 2010. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9781935473060. अभिगमन तिथि 30 अक्टूबर 2023.
  8. डॉ.पुरुषोत्तम, चंद्राकर. व्यावहारिक भूगोल. संकल्प प्रकाशन. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9789388660709. अभिगमन तिथि 30 अक्टूबर 2023.
  9. "Weather: Learn its Elements, Types & Factors Affecting It". Testbook. अभिगमन तिथि 30 अक्टूबर 2023.
  10. "Weather: Learn its Elements, Types & Factors Affecting It". Testbook. अभिगमन तिथि 30 अक्टूबर 2023.
  11. जलवायु (PDF). National Council of Education Research and Training. अभिगमन तिथि 30 अक्टूबर 2023.
  12. Albert, Miller; Jack C., Thompson (2010). Elements of Meteorology. University of Minnesota. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9780675095549. अभिगमन तिथि 30 अक्टूबर 2023.
  13. Frank, Philemon (2016). A Comprehensive Study Of Meteorology And Climatology: (Weather And Climate. CreateSpace Independent Publishing Platform. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9781535304047. अभिगमन तिथि 30 अक्टूबर 2023.
  14. John, Farndon (1992). Weather. Dorling Kindersley. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9781564580191. अभिगमन तिथि 30 अक्टूबर 2023.
  15. "weather". Encyclopedia Britannica. अभिगमन तिथि 30 अक्टूबर 2023.