यथासंख्य अलंकार
अलंकार चन्द्रोदय के अनुसार हिन्दी कविता में प्रयुक्त एक अलंकार
भिन्न धर्म वाले अनेक निर्दिष्ट अर्थों का अनुनिर्देश यथासंख्यक अलंकार कहलाता है। यथासंख्यक का अर्थ हैं संख्या(क्रम) के अनुसार। इसमें एक क्रम से कुछ पदार्थ पहले कहे जाते हैं, फिर उसी क्रम से दूसरे पदार्थों से अन्वय किया जाता है।
उदाहरण: तुमने कमल, चंद्रमा, भ्रमर, गज, कोकिल, और मयूर को मुख, कांति, नेत्र, गति, वाणी, तथा केशकलाप से जीत लिया है।