यशोदादेवी (आयुर्वैदिक चिकित्सक)
यशोदादेवी () बीसवीं शताब्दी के आरम्भिक काल की भारत की प्रसिद्ध आयुर्वैदिक स्त्री-रोग चिकित्सक एवं लेखिका थीं। उन्होने इलाहाबाद में न सिर्फ 'स्त्री औषधालय' की स्थापना की, वरन स्त्री शिक्षा पुस्तकालय की भी शुरुआत की। वे महिला व बाल स्वास्थ्य पर केंद्रित पत्रिकाओं 'स्त्री चिकित्सक', ‘कन्या सर्वस्व’ एवं ‘स्त्रीधर्म शिक्षक’ की संपादिका भी थी। इसके साथ-साथ उन्होंने स्त्री-स्वास्थ्य व दिनचर्या से संबंधित तमाम पुस्तक-पुस्तिकाओं की रचना भी की। यशोदा देवी का लेखन वैद्यक होने के साथ-साथ नवजागरणकालीन स्त्री पत्रकारिता के उस विधा का द्योतक था जिसे 'आचरण' या 'कंडक्ट' पत्रिकाओं की श्रेणी में रखा जाता है, जिनकी मूल चिंता स्त्रियों का आचरण-सुधार और उन्हें आदर्श गृहिणी बनाना था।[1]
उपलब्ध स्रोतों के अनुसार यशोदा देवी ने वैद्यक शास्त्र की शिक्षा अपने वैद्य पिता से हासिल की थी। उन्होंने अपना ध्यान व ऊर्जा विशेष तौर से स्त्रियों की चिकित्सा में लगाया। नेपाल की एक महिला चिकित्सक सत्यभामा बाई को वो अपना आदर्श मानती थीं।
यशोदा देवी का यह मानना था कि स्त्रियों के अधिकांश रोगों का कारण मुख्यतः उनके गृहस्थ अथवा वैवाहिक जीवन से जुड़ा हुआ होता है। इसी कारण यदि हम यशोदा देवी द्वारा प्रकाशित पुस्तकों की सूची पर गौर करें तो हम यह पाते हैं कि इसका एक बड़ा हिस्सा उपदेशात्मक पुस्तकों का था। उदाहरण के तौर पर, महिला व बाल स्वास्थ्य के अलावा, यशोदा देवी ने सुघड़ गृहिणी, पति-भक्ति की शक्ति, नारी धर्म शास्त्र, सच्चा पति प्रेम, गृहिणी कर्तव्य शास्त्र आरोग्यशास्त्र अथवा पाकशास्त्र, नारी नीति शिक्षा, आदि जैसी उपदेशात्मक पुस्तकें भी उन्होने प्रकाशित की। ये पुस्तकें स्त्रियों के सुखद गृहस्थ जीवन से संबंधित रहस्यों को उजागर करने का दावा करती थीं। वास्तव में, यशोदा देवी स्वयं को सिर्फ स्त्री रोग विशेषज्ञ न मानकर 'स्त्रीधर्म शिक्षक' मानती थीं जो कि तत्कालीन आयुर्वेदिक संवाद में सामाजिक एवं वैद्यक सरोकारों के मिलन का अप्रतिम नमूना था।
कृतियाँ
संपादित करें- यशोदा देवी द्वारा लिखित पुस्तकों की सूची
- नारी-नीति शिक्षा (1910)
- सच्चा पति प्रेम (1910)
- गर्भ रक्षा विधान (1911)
- आदर्श हिन्दू विधवा (1912)
- घर का वैद्य (1912)
- महिला जीवन सर्वस्व (1912)
- शिशु रक्षा विधान अर्थात बाल रोग चिकित्सा: प्रथम भाग (1912)
- संतान पालन (1913)
- प्राण वल्लभ: पुरुषत्व विकास (1923)
- आदर्श पति-पत्नी और संतति सुधार (1924)
- गृहिणी कर्तव्य शास्त्र आरोग्यशास्त्र अथवा पाकशास्त्र (1924)
- जीवन शास्त्र (इलाहाबाद, 1924)
- नारी संगीत रत्नमाला (1924)
- कन्या कर्तव्य (1925)
- पति भक्ति की शक्ति अर्थात पति की मर्यादा (1925)
- पति प्रेम पत्रिका अर्थात पति-पत्नी का पत्र व्यवहार (1925)
- नारी स्वास्थ्य रक्षा: आरोग्य विधान अर्थात स्त्री रोग चिकित्सा (1926)
- पतिव्रत धर्म माला (1926)
- दम्पति आरोग्यता जीवनशास्त्र अर्थात रतिशास्त्र संततिशास्त्र (1927)
- आरोग्य विधान विद्यार्थी जीवन (1929)
- वैद्यक रत्न संग्रह अर्थात देवी अनुभव प्रकाश (1930)
- नारी धर्मशास्त्र गृह प्रबंध शिक्षा (1931)
- आदर्श बालिका-भाई बहन (1932)
- दाम्पत्य प्रेम और रतिक्रिया का गुप्त रहस्य (1933)
- नारी शरीर विज्ञान स्त्री चिकित्सा सागर: सम्भोग विज्ञान (1938)
- यशोदा देवी द्वारा संपादित पत्रिकाएँ
- स्त्री चिकित्सक (1913-38)
- कन्या सर्वस्व (1913-36)
- स्त्रीधर्म शिक्षक (1923-31)
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ यशोदा देवी: उपनिवेश और आयुर्वेदिक चिकित्सा (सौरव कुमार राय)