याह्या ख़ान
जनरल आग़ा मुहम्मद याहया ख़ान (آغا محمد یحیی خان, जन्म: ४ फ़रवरी १९१७, मृत्यु: १० अगस्त १९८०) पाकिस्तान के सैनिक तानाशाह और तीसरे राष्ट्रपति थे। उनका शासन सन् १९६९ में शुरू हुआ और दिसम्बर १९७१ में भारत-पाकिस्तान के दरम्यान लड़े गए बंगलादेश युद्ध के बाद ख़त्म हुआ।[1] वे अयूब ख़ान के शासन से इस्तीफ़ा देने के बाद पाकिस्तान के मुख्य शासक बने थे और उनके बाद ज़ुल्फ़िकार अली भुट्टो ने शासन की बागडोर संभाली। पूर्वी पाकिस्तान के बंगाली समुदाय में विद्रोह की भावना को कुचलने के प्रयास में उसे और भी भड़का देने और फिर भारतीय सहायता से बंगलादेश के टूटकर अलग होने जाने के लिए अक्सर याहया ख़ान की नीतियों को ज़िम्मेदार ठहराया जाता है।[2]
इन्हें भी देखें
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "विवेचना: याहया की अय्याशी की वजह से पाकिस्तान हारा था 1971 का युद्ध?". मूल से 21 अक्तूबर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 21 अक्तूबर 2018.
- ↑ Ian Talbot. "Pakistan: a modern history". Palgrave Macmillan, 1998. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9780312216061. मूल से 1 मार्च 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 26 नवंबर 2011.
... The previous issue had boldly declared: 'Pakistan ki Shikast ka zimmadar Yahya Khan hain' (Yahya Khan is responsible for Pakistan's defeat). Cited in Hasan-Askari Rizvi, The Military and Politics in Pakistan, 1947-86 ...