या मुहम्मद (يا محمد‎), या अली, या अली मदद (یا علی مدد‎), या हुसैन और या रसूल धार्मिक नारे हैं जो इस्लाम के अनुयायी इश्वर से शक्ति या सहायता मांगने के लिए कहते हैं। अक्सर यह किसी जोखिम वाले या कठिन काम करने से बिलकुल पहले कहे जाते हैं। भारतीय उपमहाद्वीप में बहुत से ग़ैर-मुस्लिम लोग, जैसे की हिन्दू, भी कभी-कभी "या ख़ुदा" जैसे किसी विशेष धर्म से सम्बन्ध न रखे वाले नारों का प्रयोग करते हैं।

"या" मूलतः अरबी का शब्द है जिसका अर्थ संस्कृत के "हे" (मसलन: "हे प्रभु") और हिन्दी-उर्दू के "ऐ" (मसलन: "ऐ मालिक") शब्द से मिलता जुलता है।

इन्हें भी देखें

संपादित करें

बाहरी कड़ियाँ

संपादित करें