अमरीका और यूरोपीय संघ और रूस, के बीच की स्पर्धा में, इसके अलाव़ा यूक्रेन के आन्तरिक असंतोष इसके संकट के कारण हैं।

युक्रेन सन्कट्

मूल कारण संपादित करें

पश्चिमी खेमे (यूरोपीय संघ, अमेरिका) और रूस द्वारा यूक्रेन को अपने प्रभाव में रखने की रुचि /पक्ष ही अशांति (२०१४ की युक्रेन क्राँति एवं क्रीमिया संकट) का मूल कारण है।[1][2][3][4]

रूसी पक्ष के कारण संपादित करें

यूक्रेन सोविअत संघ का हिस्सा रहा हैं, इस लिये यहाँ रूसी मूल की जनसंख्या हैं, जो रूसी भाषा बोलते हैं। रुस इन लोगों केे हितों की सुरक्षा अपना उत्तरदायित्व मानता हैं। साथ ही रूस नहीं चाहता नाटो रूस के सीमा पर आ जाये क्योंकि यह रूस की शीतयुद्ध में हार होगी[1][2][3][4]

रूसी पक्ष को समर्थन संपादित करें

रूसी पक्ष को भारत और चीन का गौण समर्थन हैं।[2][3][4][5][6]

यूरोपीय या अमेरीकी पक्ष के कारण संपादित करें

यूक्रेन को अमेरिकी प्रभुत्व वाले पश्चिमी खेमे नाटो में शामिल कर रूस को सैन्य रूप से घेरना।[6][7][8] इसके अलवा अमेरिका के भूतपर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ज़्बिग्नियेव ब्रेज़िन्स्की अपनी पुस्तक ‘द ग्रैंड चेस बोर्ड' में वर्षों पहले कहा हैं किअमेरिका क्यों यूक्रेन का साथ देगा ‘यूक्रेन के बिना रूस मिल-मिलाकर बस एक एशियाई साम्राज्यवादी देश रह जायेगा.’ मध्य एशियाई देशों के झगड़ों में घसीटे जाने का खतरा तब उस पर मंडराया करेगा। लेकिन, यदि यूक्रेन को वह अपने नियंत्रण में रख पाता है, तो वह एक ‘शक्तिशाली साम्रज्यवादी सत्ता’ कहलाएगा. ब्रेज़िन्स्की का यह कथन अमेरिका की विदेशनीति का आज भी आधारभूत सिद्धांत है। यानी, रूस को कमजोर करना है, तो यूक्रेन को उससे अलग करना होगा।[2][3][4][4]

यूरोपीय या अमरीकी पक्ष को समर्थन संपादित करें

अमेरिका एवं यूरोपीय संघ या नाटो का समर्थन है[2][3][4][5]

सन्दर्भ संपादित करें

  1. "यूक्रेन : शक्ति राष्ट्रों का अखाड़ा | सम-सामयिक घटना चक्र प्रकाशन, Sam Samayik Ghatna Chakra". मूल से 30 मई 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 15 जून 2020.
  2. "जो बली उसी की चली|राम यादव". मूल से 4 मार्च 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 15 जून 2020.
  3. "शीतयॠदà¥?ध की बà¥?ती गरà¥?मी|राम यादव". Tehelkahindi.com. मूल से 11 मई 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2014-07-27.
  4. "शीतयुद्ध का पुनर्जन्म !|राम यादव". मूल से 16 अगस्त 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 15 जून 2020.
  5. "Ukraine-crisis-and-India". मूल से 14 जुलाई 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 9 जुलाई 2014.
  6. "य༂कŕĽ?र༇न संकŕ¤&#x; कञ ŕ¤¨ŕ¤¤ŕĽ€ŕ¤œŕ¤ž". मूल से 26 जुलाई 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 22 जुलाई 2014.
  7. "रूस-और-नाटो-में-तनातनी". मूल से 10 सितंबर 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 15 जून 2020.
  8. "George Soros' Giant Globalist Footprint in Ukraine's Turmoil". मूल से 12 मई 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 6 जुलाई 2014.

बाहरी कड़ियाँ संपादित करें