यूनाइटेड किंगडम में राज-परमाधिकार

ब्रिटिश सम्राट के विशेषाधिकार और उन्मुक्तियां

राज-परमाधिकार, कुछ विशेष प्रथागत अधिकारों, विशेषाधिकारों और प्रतिरक्षा का समूह है, जिसे यूनाइटेड किंगडम में केवल संप्रभु पर निहित हैं। यह विशेषाधिकार, ब्रिटिश सरकार की कई संवैधानिक शक्तियों का स्रोत भी है। परामधिकारों को पूर्वतः शासक द्वारा अपने विवेक पर प्रयोग किये जाते हैं। बहरहाल, १९वीं सदी के बाद से, प्रथागत रूप से परमाधिकार को प्रधानमंत्री और अन्य कैबिनेट मंत्रियों की सलाह (जिनके प्रति वे संसद में जवाबदेह होते हैं) पर ही प्रयोग करना आवश्यक माना जाता है। हालाँकि, अधिराट् संवैधानिक रूप से प्रधानमंत्री और मंत्रिमण्डल के ख़िलाफ़ शाही परमाधिकार का प्रयोग करने के लिए शसक्त एवं स्वतंत्र हैं, परंतु व्यवहारिक रूप से, ऐसा केवल आपातकालीन स्थिति में, या ऐसी परिस्थितियों में, जहाँ मौजूद मिसाल, पर्याप्त रूप से प्रश्न में आई पैस्थितयों पर लागू नहीं होती हों।

आज राज-परमाधिकार ही यूनाइटेड किंगडम की सरकार के कार्यकरण के लिए, विदेश मामले, रक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा संबंधित कई विषयों के लिए उपलब्ध है। राजसत्ता का इन तथा अन्य मामलों में सार्थक संवैधानिक उपस्थिति है, परंतु राजसत्ता का इन मामलों पर सीमित वास्तविक शक्तियां है, क्योंकि, विशेषाधिकार का प्रयोग करते प्रधानमंत्री और अन्य मंत्रियों या अन्य सरकारी अधिकारियों के हाथों में है।

परिभाषा संपादित करें

इतिहास संपादित करें

परामधिकारी शक्तियाँ संपादित करें

उपयोग संपादित करें

सुधार संपादित करें

इन्हें भी देखें संपादित करें

सन्दर्भ संपादित करें

बाहरी कड़ियाँ संपादित करें