यूनिनागरी शब्दद्वय यूनिकोड तथा देवनागरी का पोर्टमॅण्टू है। पहली बार इस शब्द का प्रयोग रमण कौल द्वारा सम्पादित्र औजार हेतु किया गया था। बाद में ई-पण्डित ने इसे दोबारा भिन्न अर्थ में पुनर्प्रतिपादित एवं प्रचारित किया।

यूनिनागरी का स्वतन्त्र प्रयोग कम ही है। यह शब्द मुख्यतः रोमनागरी के पूरक के रूप में प्रचलित हुआ। रोमनागरी में जहाँ रोमन लिपि में हिन्दी लिखी जाती थी, यूनिनागरी में यूनिकोड देवनागरी में हिन्दी देखी जा सकती है।

इन्हें भी देखें संपादित करें