योगेश प्रताप सिंह
योगेश प्रताप सिंह पूर्व पुलिस अधिकारी और वर्तमान में वकील हैं। इन्होंने अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त फिल्म "क्या यही सच है" (2010) को निर्देशित किया था। इसमें पुलिस में होने वाले भ्रष्टाचार का काल्पनिक चित्रण अपने अनुभव के आधार पर किया था।[2][3][4][5][6][7]
योगेश प्रताप सिंह | |
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जन्म |
1959 (आयु 64–65) |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
पेशा | वकील |
प्रसिद्धि का कारण | क्या यही सच है[1] |
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ Mehul Thakkar (28 December 2011). "I chose to blow the whistle: YP Singh". The Times of India. मूल से 3 जनवरी 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 30 April 2012.
- ↑ RAJESH JOSHI (6 August 1997). "Rigged Deals". Outlook India. मूल से 13 जून 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 30 April 2012.
- ↑ "CBI admits Panna-Mukta oil fields case file is missing". Financial Express. 20 May 1998. मूल से 22 मई 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 30 April 2012.
- ↑ Surendra Gangan (5 November 2011). "Squatter YP Singh leaves flat after 7 years". मूल से 22 जनवरी 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 30 April 2012.
- ↑ "How we tapped YP singh's phone in just 60 secs". Mumbai Mirror. 24 December 2010. मूल से 27 दिसंबर 2010 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 1 May 2012.
- ↑ Suruchi Sharma (28 December 2011). "YP Singh's movie screening". Times of India. मूल से 3 जनवरी 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 1 May 2012.
- ↑ "City multiplex blacks out Y P Singh's film". Times of India. 31 December 2011. मूल से 3 जनवरी 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 30 April 2012.