रक्षा लेखा महानियंत्रक

रक्षा लेखा महानियंत्रक (Controller General of Dfence Accounts) भारत के रक्षा लेखा विभाग का नेतृत्व वित्तीय सलाहकार (रक्षा सेवा) के प्रशासनिक नियंत्रण में कार्य करते हैं। रक्षा लेखा विभाग के प्रमुख कार्य भारतीय सशस्त्र बलों (जिनमें तीनो सेनाएं शामिल हैं) से संबंधित सभी प्रकार के भुगतानों पर निगरानी करना, खातों का लेखा जोखा रखना और जांच करना है। इनमें आपूर्ति और सेवाओं के बिल और निर्माण / मरम्मत कार्यों, वेतन और भत्तों के विविध शुल्क, पेंशन, आदि के बिल शामिल हैं।[1]

रक्षा लेखा महानियंत्रक
सम्बंधित परीक्षाभारतीय रक्षा लेखा सेवा
देश भारत
नियंत्रकरक्षा मंत्रालय
कार्यरक्षा लेखा परीक्षा
वित्तीय सलाहकार (रक्षा सेवा)वर्तमान: श्री सुनील कुमार कोहली भा. र. ले. से. (1981)
रक्षा लेखा महानियंत्रकवर्तमान : श्री संजीव मित्तल
आधिकारिक जालस्थलजालस्थल

इतिहास संपादित करें

250 वर्ष पुराना रक्षा लेखा विभाग भारत सरकार के सबसे पुराने विभागों में से एक है। रक्षा लेखा महानियंत्रक द्वारा संचालित रक्षा लेखा विभाग वर्तमान में रक्षा लेखा सेवाओं तथा रक्षा से जुड़े अन्य संगठनों जैसे भारतीय तटरक्षक बलों, सीमा सड़क तथा कैन्टीन भंडार विभाग को वित्तीय सलाह प्रदान करने तथा उनके व्यय तथा प्राप्तियों के भुगतान, लेखांकन एवं आंतरिक लेखा परीक्षा के लिए उत्तरदायी है। रक्षा लेखा महानियंत्रक, 04 रक्षा लेखा अपर महानियंत्रकों, 19 प्रधान नियंत्रकों तथा सेना, नौसेना, वायुसेना, आयुद्ध निर्माणियों, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठनों, तटरक्षक बल एवं सीमा सड़क संगठन आदि से संबंधित कार्य देखने वाले क्षेत्रीय नियंत्रकों (सेना ), प्रयोजनमूलक नियंत्रकों /एकीकृत वित्तीय सलाहकारों का कार्य देखने वाले 70 रक्षा लेखा नियंत्रक स्तर के अधिकारियों की सहायता से विभाग का संचालन करते हैं । प्रयोजनमूलक नियंत्रक सीमा सड़क संगठन, पेंशन एवं पेंशन संवितरण तथा कैन्टीन भंडार विभाग आदि जैसे विशेष संगठनों को अपनी सेवा प्रदान करते हैं

सन्दर्भ संपादित करें

  1. "संग्रहीत प्रति". मूल से 9 मार्च 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 15 जून 2020.

बाहरी कड़ियाँ संपादित करें