रडार इमेजिंग सेटेलाइट
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन द्वारा आंध्रप्रदेश के श्रिहरिकोटा से २६ अप्रैल २0१२ को ध्रुविय उपग्रह प्रक्षेपक यान -१९ की सहायता से छोड़ा गया उपग्रह है।[3] इसका प्रयोग रक्षा उद्देशयों तथा आपदा प्रबंधन में करने का निश्चय किया गया है। इसे अंतरिक्ष में २६ अप्रैल की सुबह पांच बजकर 47 मिनट पर भेजा गया। इसका वजन 1858 किलोग्राम है। यह वर्ष 1993 के बाद से अब तक का सबसे भारी उपग्रह है। यह प्रक्षेपित होने के तीन दिन बाद तस्वीरें उतारने और भेजने का काम आरंभ कर देगा। यह अगले ५ वर्षों तक सक्रीय रहेगा।
लक्ष्य प्रकार | रडार इमेजिंग |
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लॉन्च तिथि | Not recognized as a date. Years must have 4 digits (use leading zeros for years < 1000). UTC |
धारक रॉकेट | पीएसएलवी-सी१९ |
लॉन्च स्थल | सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र एफ़ एल पी |
अभियान काल | ५ वर्ष (नियोजित) |
कॉस्पर आई डी | 2012-017A |
गृह पृष्ठ | ISRO - RISAT-1 |
द्रव्यमान | 1,858 कि॰ग्राम (4,096 पौंड)[1] |
कक्षीय तत्व | |
व्यवस्था | सूर्य - सीम्क्रोनस |
झुकाव | ९७° |
कक्षा/दिवस | १४ |
ऊँचाई | ५३६ कि.मी[1] |
उपकरण | |
मुख्य उपकरण | सी-बैण्ड एस.ए.आर |
इमेजिंग रिज़ॉल्यूशन | १ मी - ५० मी[2] |
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ अ आ "RISAT-1 satellite launch a "grand success": ISRO". The Hindu. 2012-04-26. मूल से 30 अप्रैल 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 4 मई 2012.
- ↑ "RISAT-1's radar can see through clouds and work in darkness". The Hindu. 2012-04-25. मूल से 27 अप्रैल 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 4 मई 2012.
- ↑ दैनिक भास्कर, २६ अप्रैल २0१२ [1] Archived 2012-04-26 at the वेबैक मशीन