रणस्तम्भपुर के चहमान
(रणथम्भौर चौहान वंशावली से अनुप्रेषित)
रणस्तम्भपुर के चहमान भारत का १३वीं शताब्दी का एक राजवंश था। उन्होने रणस्तम्भपुर (वर्तमान समय का रणथम्भौर) के आसपास के क्षेत्रों पर शासन किया, जो उनकी राजधानी थी। इन्हें 'रणथम्भौर के चौहान' भी कहा जाता है।
राजधानी | रणस्तम्भपुर | |
सरकार | राजतंत्र |
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वंशावली संपादित करें
- गोविंदाराज चतुर्थ (ल. 1192 ईस्वी); मुस्लिम अस्मिता स्वीकार करने के कारण हरिराज द्वारा निर्वासित; रणस्तंभपुरा के चाहमान शाखा की स्थापना की। एवं बाल्हणदेव चौहान पुत्र
- बाल्हणदेव चौहान, प्रहलादनदेव चौहान पुत्र
- प्रहलादनदेव चौहान, वीरनारायण चौहान पुत्र
- वीरनारायण चौहान,
- जैत्रसिंह चौहान (1248–1282 ईस्वी) का पुत्र हम्मीरदेव चौहान
- हम्मीरदेव चौहान (1283–1301 ईस्वी), दो पुुत्र थे रामदेव व कलसाराज चौहान
- रामदेव का पुत्र
- चाड़गदेव का पुत्र
- चाचिगदेव का पुत्र
- सोमदेव का पुत्र
- पाल्हणदेव का पुत्र
- जीतकर्ण का पुत्र
- कपूरराव का पुत्र
- वीरधवल का पुत्र
- शिवराज का पुत्र
- राघवदेव का पुत्र
- त्र्यम्बकभूप का पुत्र
- गड़ंगराज का पुत्र
- जयसिंह का पुत्र
- रायसिंह के दो पुत्र थें–
- पृथ्वी सिंह (छोटा उदयपुर वंशज)
- डड्रगरसिंह (देवगढ़ बारिया वंशज)