रन (2004 फ़िल्म)
रन 2004 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। इसमें अभिषेक बच्चन और भूमिका चावला हैं। यह 2002 में इसी नाम की तमिल फिल्म की रीमेक है। इसका निर्माण बोनी कपूर और श्रीदेवी ने श्रीदेवी प्रोडक्शंस के बैनर तले किया था। इस फिल्म को समीक्षकों से मिली-जुली समीक्षा मिली।
रन | |
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रन का पोस्टर | |
निर्देशक | जीवा |
लेखक | एन. लिंगस्वामी |
निर्माता | श्रीदेवी कपूर |
अभिनेता |
अभिषेक बच्चन, भूमिका चावला, महेश मांजरेकर, मुकेश ऋषि, विजय राज़, आयशा जुल्का |
संगीतकार | हिमेश रेशमिया |
प्रदर्शन तिथियाँ |
14 मई, 2004 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
संक्षेप
संपादित करेंसिद्धार्थ उर्फ "सिद्धू" (अभिषेक बच्चन) अपनी आगे की पढ़ाई के लिए इलाहाबाद से नई दिल्ली आता है और अपनी बहन ईशा (आयशा जुल्का) के साथ रहता है। उसका बिगड़ैल दोस्त गणेश (विजय राज़) उसके पीछे-पीछे बाद में आता है। नियति और संयोग से, सिद्धू जाह्नवी (भूमिका चावला) से मिलता है और उससे प्यार करने लगता है। जाह्नवी एक रूढ़िवादी हरियाणवी परिवार से हैं, जहां उसके बड़े भाई, गणपत (महेश मांजरेकर) मुखिया हैं। प्रारंभ में जाह्नवी, गणपत से सिद्धू को सुरक्षित रखने के लिए वह उसको नजरअंदाज करती है। उसके भाई के गुंडों की सिद्धू के साथ मुठभेड़ के बाद जाह्नवी उसको भागने के लिए प्रोत्साहित करती है। लेकिन इसके बजाय वह चुनौती के लिए तैयार हो जाता है और सभी गुंडों से लड़ जाता है।
गणपत ईशा और उसके पति को धमकी देने लगता है। सिद्धू और जाह्नवी एक-दूसरे से मिलते रहते हैं। वह दोनों जाह्नवी के भाई और उसके लोगों से छिपते और भागते रहते हैं। जबकि सिद्धू उन सभी गुंडों से लड़ता है जो उनका पीछा करते हैं और उसके परिवार को नुकसान पहुंचाने की धमकी देते हैं। अंततः, गणपत अपने गुंडों का उपयोग करके एक लड़के को पीटने का फैसला करता है। वह कॉलेज में सिद्धू का दुश्मन था, इस प्रकार कॉलेज के प्रिंसिपल को यह आभास होता है कि सिद्धू एक गुंडा है। बदले में सिद्धू को सस्पेंड कर दिया जाता है। फिर उन्होंने ईशा को एक वैन से मरवाया। उनकी चालों के कारण उसके पति की नौकरी भी चली गई। जबकि सिद्धू और जाह्नवी भाग के शादी करने की सोचते हैं।
फिल्म के अंत में, सिद्धू गणपत और उसके आदमियों को धोखा देकर जाह्नवी से उसके बाकी परिवार के सदस्यों के साथ शादी करने की योजना बनाता है। गणपत को इसकी भनक लग जाती और वह उन्हें पकड़ लेता। नवविवाहितों को अब गुंडों के झुंड से भागना होता है। इसके बाद अंतिम लड़ाई होती है जो सिद्धू और गणपत के साथ आमने-सामने की लड़ाई के साथ समाप्त होती है। सिद्धू जीत जाता है। गणपत जाह्नवी और सिद्धू को जाने की इजाजत दे दता है और आखिरकार उसे अपने बहनोई के रूप में स्वीकार कर लेता है।
मुख्य कलाकार
संपादित करें- अभिषेक बच्चन —सिद्धार्थ उर्फ़ 'सिद्धू'
- भूमिका चावला — जाह्नवी चौधरी
- मुकेश ऋषि — राजीव, सिद्धार्थ के जीजा
- आयशा जुल्का — ईशा, सिद्धार्थ की दीदी
- महेश मांजरेकर — गणपत चौधरी, जाह्नवी का भाई
- अंजान श्रीवास्तव — रामदेव शास्त्री
- विजय राज़ — गणेश, सिद्धार्थ का दोस्त
- गोगा कपूर — संसद सदस्य
- श्वेता मेनन — गणपत की पत्नी
संगीत
संपादित करेंरन | ||||
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ध्वनि पट्टी हिमेश रेशमिया द्वारा | ||||
जारी | 2004 | |||
संगीत शैली | बॉलीवुड संगीत | |||
लेबल | टिप्स | |||
हिमेश रेशमिया कालक्रम | ||||
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हिमेश रेशमिया द्वारा संगीतबद्ध फिल्म की संगीत एल्बम को टिप्स द्वारा 14 मई 2004 को जारी किया गया था।[1]
सभी गीत समीर द्वारा लिखित; सारा संगीत हिमेश रेशमिया द्वारा रचित।
गीत सूची | |||
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क्र॰ | शीर्षक | गायक | अवधि |
1. | "सरकी चुनरिया रे ज़रा ज़रा" | अलका याज्ञनिक, उदित नारायण | 5:43 |
2. | "चैन हो चैन हो" | सोनू निगम, अलका याज्ञनिक | 4:54 |
3. | "दिल में जो बात" | सोनू निगम, अलका याज्ञनिक | 5:30 |
4. | "तेरे आने से" | कुमार सानु, अलका याज्ञनिक | 5:29 |
5. | "नहीं होना नहीं होना" | कुणाल गांजावाला, ऋचा शर्मा | 5:05 |
6. | "तेरे मेरे प्यार का चाँद" | सोनू निगम, अलका याज्ञनिक | 5:31 |
7. | "बड़े नाज़ुक दौर से" | कुमार सानु, अलका याज्ञनिक | 5:08 |
8. | "तेरे आने से" (रीमिक्स) | कुमार सानु, अलका याज्ञनिक | 5:33 |
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "Run (Original Motion Picture Soundtrack) by Himesh Reshammiya". 14 मई 2004. मूल से 3 अक्तूबर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 3 अक्टूबर 2018.