रबड़ी एक प्रकार का पकवान है जो दूध को बहुत उबाल कर व उसे गाढ़ा करके बनाया जाता है। भावप्रकाशनिघण्टु[1] के अनुसार बिना जल छोड़े दूध को जितना ही अधिक औटाया जाये वह उतना ही अधिक गुणकारी, स्निग्ध (तरावट देने वाला), बल एवं वीर्य को बढ़ाने वाला हो जाता है। इसमें यदि खाँड व शक्कर मिला दी जाये तो रबड़ी बन जाती है। यह खाने में बहुत अधिक स्वादिष्ट होती है परन्तु देर से पचती है। स्वास्थ्य की दृष्टि से ठण्ड की ऋतु में इसका सेवन लाभप्रद होता है।

  1. कृष्णचन्द्र चुनेकर व गंगासहाय पाण्डेय भावप्रकाशनिघण्टु प्रकाशक: चौखम्भा भारती अकादमी, पोस्ट बॉक्स 1065, वाराणसी 221001 संस्करण (दशम): 1995