रमण अथरेया
भारतीय खगोलविद
रमण अथरेया (Ramana Athreya), भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान में एक पक्षी प्रेमी और एक खगोल विज्ञानी है | 2006 में उन्होंने पश्चिमी अरुणाचल प्रदेश, पूर्वोत्तर भारत के ईगलनेस्ट वन्यजीव अभयारण्यEn में बुगुन लियोसिचलाEn नामक पक्षी की एक नई प्रजाति का विवरण दिया। यह खोज आधी से ज्यादा सदी की भारत की सबसे सनसनीखेज पक्षीविज्ञानी खोज के रूप में बर्डलाइफ़En द्वारा वर्णित हुई है।[1] अपनी इस खोज के लिए वें 2009 में राजस्थान सरकार द्वारा पक्षीश्री पुरस्कार से नवाजे गए थे।[2] मई 2011 में वह वाईटली पुरस्कार से सम्मानित हुए थे।[3]
रमण अथरेया | |
---|---|
रमन अनुसंधान संस्थान, बंगलौर में रमण अथरेया | |
आवास | पुना |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
क्षेत्र | ताराभौतिकी, पक्षीविज्ञान |
संस्थान | भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान, पुणे |
प्रसिद्धि | बुगुन लियोसिचला की खोज |
उल्लेखनीय सम्मान | वाईटली फंड फॉर नेचर द्वारा वाईटली पुरस्कार |
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "Birdlife press release". मूल से 7 अक्तूबर 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 19 जून 2013.
- ↑ Sebastin, Sunny (11 फ़रवरी 2009). "Many bird species waiting to be identified in eastern Himalayas". The Hindu. Jaipur. मूल से 5 नवंबर 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2009-07-22.
this time felicitated Dr.Athreya conferring him the “Pakshi Shree” award
- ↑ "Dr Ramana Athreya wins Whitley Award". The Telegraph. 12 मई 2011. मूल से 14 मई 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 12 मई 2011.