रवि शंकर

भारतीय सितार-वादक (1920-2012)


पण्डित रवि शंकर (बांग्ला: রবি শংকর; जन्म : रवीन्द्र शंकर चौधरी,7 अप्रैल 1920, बनारस - 11 दिसम्बर 2012)[1] एक सितार वादक और संगीतज्ञ थे। उन्होंने विश्व के कई मह्त्वपूर्ण संगीत उत्सवों में हिस्सा लिया है। उनके युवा वर्ष यूरोप और भारत में अपने भाई उदय शंकर के नृत्य समूह के साथ दौरा करते हुए बीते।

रविशंकर
२००९ में दिल्ली के एक आयोजन में प्रस्तुति देते रविशंकर।
जन्म 7 अप्रैल 1920
बनारस, ब्रिटिश भारत
मृत्यु 11 दिसम्बर 2012(2012-12-11) (उम्र 92 वर्ष)
सैन डिएगो, संयुक्त राज्य अमेरिका इन्हें भारत रत्न पुरस्कार सन् 1999 में मिला
जीवनसाथी अन्नपूर्णा देवी

रविशंकर ने भारतीय शास्त्रीय संगीत की शिक्षा उस्ताद अल्लाऊद्दीन खाँ से प्राप्त की। अपने भाई उदय शंकर के नृत्य दल के साथ भारत और भारत से बाहर समय गुजारने वाले रविशंकर ने 1938 से 1944 तक सितार का अध्ययन किया और फिर स्वतंत्र तौर से काम करने लगे। बाद में उनका विवाह भी उस्ताद अल्लाऊद्दीन खाँ की बेटी अन्नपूर्णा से हुआ।

इस दौरान उन्होंने सत्यजीत रे की फिल्मों में संगीत दिया। 1949 से 1956 तक उन्होंने ऑल इंडिया के रेडियो में बतौर संगीत निर्देशक काम किया। 1960 के बाद उन्होंने यूरोप के दौरे शुरु किये और येहूदी मेन्यूहिन व बिटल्स ग्रूप के जॉर्ज हैरिशन जैसे लोगों के साथ काम करके अपनी खास पहचान बनाई। उनकी बेटी अनुष्का शंकर सितार वादक हैं तो दूसरी बेटी नोराह जोन्स भी शीर्षस्थ गायिकाओं में शुमार की जाती हैं। उन्हें 1999 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया। पंडित रवि शंकर को कला के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन् 1967 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। 1981में भारत के पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। 1999 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया। पांच बार ग्रैमी अवार्ड मिल चुका है प्रथम ग्रैमी अवार्ड 1967 में दिया गया।भारतीय संगीत को दुनिया भर में सम्मान दिलाने वाले पंडित जी पद्मविभूषण और फिर भारत रत्न से नवाजे गये। उन्होंने भारतीय और पाश्चात्य संगीत के संलयन में भी बड़ी भूमिका निभाई| 2012 में अमेरिका में अपनी बेटी के साथ परफॉर्मेंस कर रहे थे अचानक दिल का दौरा पड़ने से स्वर्ग वासी हो गए।

  1. "मशहूर सितार वादक पंडित रविशंकर का निधन". जनसत्ता. वाशिंगटन. १२ दिसम्बर २०१२. अभिगमन तिथि १२ दिसम्बर २०१२.[मृत कड़ियाँ]

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