हिंदी साहित्य में रवींद्र कालिया की ख्याति उपन्यासकार, कहानीकार और संस्मरण लेखक के अलावा एक ऐसे बेहतरीन संपादक के रूप में है, जो मृतप्राय: पत्रिकाओं में भी जान फूंक देते हैं। रवींद्र कालिया हिंदी के उन गिने-चुने संपादकों में से एक हैं, जिन्हें पाठकों की नब्ज़ और बाज़ार का खेल दोनों का पता है। 11 नवम्बर, 1939 को जालंधर में जन्मे रवीन्द्र कालिया हाल ही में भारतीय ज्ञानपीठ के निदेशक पद से सेवानिवृत्त हुए हैं, उन्होंने ‘नया ज्ञानोदय’ के संपादन का दायित्व संभालते ही उसे हिंदी साहित्य की अनिवार्य पत्रिका बना दिया।

रवीन्द्र कालिया
जन्म11 नवंबर 1939
जालंधर
मौत09/01/2016
दिल्ली
पेशास्वतन्त्र लेखन
भाषाहिंदी
राष्ट्रीयताभारतीय
शिक्षाएम. ए. (हिन्दी)
विधागद्य
विषयकहानी, उपन्यास, व्यंग्य व संस्मरण
आंदोलनसाठोत्तरी
उल्लेखनीय कामsनौ साल छोटी पत्नी, गालिब छुटी शराब,खुदा सही सलामत है, ए.बी.सी.डी., 17 रानडे रोड
खिताबलोहिया सम्‍मान
जीवनसाथीममता कालिया

हस्ताक्षर

धर्मयुग में रवींद्र कालिया के योगदान से सारा साहित्य-जगत परिचित है। रवीन्द्र कालिया ग़ालिब छुटी शराब में लिखते हैं “मोहन राकेश ने अपने मोटे चश्‍मे के भीतर से खास परिचित निगाहों से देखते हुए उनसे पूछा / ‘बम्‍बई जाओगे?' / ‘बम्बई ?' कोई गोष्‍ठी है क्‍या?' / ‘नहीं, ‘धर्मयुग' में।' / ‘धर्मयुग' एक बड़ा नाम था, सहसा विश्‍वास न हुआ। / उन्‍होंने अगले रोज़ घर पर बुलाया और मुझ से सादे काग़ज़ पर ‘धर्मयुग' के लिए एक अर्ज़ी लिखवायी और कुछ ही दिनों में नौकरी ही नहीं, दस इन्‍क्रीमेंट्‌स भी दिलवा दिये....”

रवीन्द्रजी ने वागर्थ, गंगा जमुना, वर्ष का प्रख्यात कथाकार अमरकांत पर एकाग्र अंक, मोहन राकेश संचयन, अमरकांत संचयन सहित अनेक पुस्तकों का संपादन किया है।

हाल ही में उन्होंने साहित्य की अति महत्वपूर्ण ३१ वर्षों से प्रकशित हो रही ‘वर्तमान साहित्य’ में सलाहकार संपादक का कार्यभार सम्हाला है।

प्रकाशित पुस्तकें

संपादित करें

कथा संग्रह

संपादित करें
  • नौ साल छोटी पत्नी
  • गरीबी हटाओ
  • गली कूंचे
  • चकैया नीम
  • सत्ताइस साल की उमर तक
  • ज़रा सी रोशनी
  • खुदा सही सलामत है
  • ए.बी.सी.डी.
  • 17 रानडे रोड
  • स्मृतियों की जन्मपत्री
  • कामरेड मोनालिसा
  • सृजन के सहयात्री
  • गालिब छुटी शराब

व्यंग्य संग्रह

संपादित करें
  • नींद क्यों रात भर नहीं आती
  • राग मिलावट माल कौंस

कहानी-संग्रह

संपादित करें
  • रवीन्द्र कालिया की कहानियाँ
  • दस प्रतिनिधि कहानियाँ
  • इक्कीस श्रेष्ठ कहानियाँ
  • उ.प्र. हिंदी संस्थान का प्रेमचंद स्मृति सम्मान,
  • म.प्र. साहित्य अकादेमी द्वारा पदुमलाल बक्शी सम्मान,
  • उ.प्र. हिंदी संस्था न द्वारा साहित्यनभूषण सम्मान,
  • उ.प्र. हिंदी संस्थान द्वारा लोहिया सम्मान,
  • पंजाब सरकार द्वारा शिरोमणि साहित्य सम्मान