रशीद जहाँ
रशीद जहाँ (5 अगस्त 1905 – 29 जुलाई 1952, उर्दू:ڈاکٹر رشید جہاں), भारत से उर्दू की एक प्रगतिशील लेखिका, कथाकार और उपन्यासकार थीं, जिन्होंने महिलाओं द्वारा लिखित उर्दू साहित्य के एक नए युग की शुरुआत की। वे पेशे से एक चिकित्सक थीं।
रशीद जहाँ | |
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जन्म |
5 अगस्त 1905 अलीगढ़,उत्तर प्रदेश,भारत |
मौत |
जुलाई 29, 1952 मॉस्को, रूस | (उम्र 46 वर्ष)
जीवनसाथी | महमूद अलजाफरा |
पुरस्कार | भारत रत्न |
प्रारंभिक जीवन
संपादित करेंउनका जन्म 5 अगस्त 1905 को उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ शहर में हुआ। उनकी माँ का नाम वहीद शाहजहां बेगम और पिता का नाम शेख अबदुल्लाह था। उनके पिता अलीगढ़ के मशहूर शिक्षाविद और लेखक तथा अलीगढ़ महिला कॉलेज के संस्थापकों में से एक थे, जिन्हें साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में सन १९६४ में भारत सरकार द्वारा, पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। राशिद की प्रारंभिक शिक्षा अलीगढ़ में हुई। तत्पश्चात वे लखनऊ के ईज़ा बेला थोबरोन कॉलेज से इंटर करने के बाद दिल्ली के लॉर्ड हार्डिंग मेडिकल कॉलेज से वर्ष 1934 में डॉक्टर बनकर निकलीं। वर्ष 1934 में उनकी शादी महमूद अलजाफरा के साथ हुई जो उर्दू के लेखक होने के साथ अमृतसर के इस्लामिया कॉलेज में प्रिंसिपल थे। वहीं डॉ॰ रशीद जहां की मुलाकात फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ से हुई और वे सक्रिय रूप से प्रगतिशील आंदोलन से जुड़ गईं।[1]
साहित्यिक जीवन
संपादित करेंरशीद पहली बार चर्चा में तब आई जब उनकी कहानियों और नाटकों का संग्रह ‘अंगारे’ 1932 में प्रकाशित हुआ, क्योंकि उनकी कहानियों और नाटकों में तत्कालीन समाज में प्रचलित मुस्लिम कट्टरपंथ तथा यौन नैतिकता को गहरी चुनौती दी गई थी। जल्द ही यह ब्रिटिश शासन द्वारा प्रतिबंधित भी हो गई। रशीद जहाँ भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और प्रगतिशील लेखक संघ की सक्रिय कार्यकर्ता थीं।[2]
प्रमुख कृतियाँ
संपादित करें- अंगारे
- औरत और दूसरे अफसाने व ड्रामे
- शोअला-ए-जव्वाला
- वो और दूसरे अफसाने व ड्रामे
निधन
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "The Good Doctor Rashid Jahan blazed a trail for Urdu writers" [एक बेहतर चिकित्सक राशिद जहां उर्दू लेखिकाओं के लिए एक मशाल बनीं] (अंग्रेज़ी में). The Caraban. १ जनवरी २०१४. मूल से 2 मई 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 30 अप्रैल 2014.
- ↑ अ आ "रशीद जहाँ का परिचय". हिन्दी समय. मूल से 21 मई 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 20 मई 2014.