रसिकलाल सी. पारीख

गुजराती लेखक

रसिकलाल छोटालाल पारीख (1897-1982) गुजराती भाषा के विख्यात साहित्यकार, नाटककार, साहित्यिक आलोचक, भारतविद, इतिहासकार और सम्पादक थे। इनके द्वारा रचित एक नाटक शर्विलक के लिये उन्हें सन् 1960 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।[1]वे रंजीतराम सुवर्ण चंद्रक और नर्मद सुवर्ण चंद्रक से भी सम्मानित हुए हैं। वे गुजरात साहित्य सभा के अध्यक्ष थे और 1964 में गुजराती साहित्य परिषद के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त हुए थे।

रसिकलाल सी. पारीख
जन्म20 अगस्त 1897
पेठापुर, गाँधी नगर, गुजरात
मौत1 नवंबर 1982
अहमदाबाद, गुजरात
पेशासाहित्यकार
भाषागुजराती भाषा
राष्ट्रीयताभारतीय
विषयनाटक
उल्लेखनीय कामsशर्विलक

कृतियाँ संपादित करें

पारीख ने साहित्य, काव्य, दर्शन, नाटक, कविता, इतिहास, सौंदर्यशास्त्र और आलोचना में बड़े पैमाने पर लिखा।[2]

पुरस्कार संपादित करें

गुजरात साहित्य सभा ने उन्हें 1942 में रंजीतराम सुवर्ण चंद्रक से सम्मानित किया। उनके नाटक शर्विलक को 1960 का साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला और एक अन्य नाटक मीना गुर्जरी [3] को 1977 में नर्मद सुवर्ण चंद्रक प्राप्त हुआ। 1975 में संगीत नाटक अकादमी ने नाटक के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उन्हें अपनी फैलोशिप से सम्मानित किया।

इन्हें भी देखें संपादित करें

सन्दर्भ संपादित करें

  1. "अकादमी पुरस्कार". साहित्य अकादमी. मूल से 15 सितंबर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 11 सितंबर 2016.
  2. https://www.gujaratibooks.com/rasiklal-parikh/
  3. http://www.theinfolist.com/php/SummaryGet.php?FindGo=Narmad_Suvarna_Chandrak