अवशोषण और अधिशोषण

संपादित करें

अवशोषण अधिशोषण से अलग है। अवशोषण में एक पदार्थ समान रूप से एक ठोस या तरल के पूरे शरीर में वितरित हो जाता है। उदाहरण के लिये जल वाष्प निर्जल कैल्शियम क्लोराइड द्वारा अवशोषित रहे और सिलिका जेल से अधिशोषित रहे है। उसी प्रकार अमोनिया पानी मैं अवशोषित है और काठकोयला मैं अधिशोषित है। जब एक गरम कुठाली माहौल मैं ठंडा किया जाता है तब नमी की एक फिल्म इसकी सतह पर एकट होता है। ये अधिशोषिण का उदाहरण है जहाँ जल वाष्प कुठाली पर अधिशोषिण हुआ है। कोयला जब चीनी का रंगीन घुलाव के साथ मिश्रित होता है तब वह रंग अवशोष करता है और एक विरंजक के रूप में काम करता है।

 
रसोवशोषण का उदाहरण-इथीन का हाइड्रॉजनेशन

रसोवशोषण

संपादित करें

रसोवशोषण एक प्रकार का अधिशोषण है जिसमें सतह और अधिशोषक के बीच एक रासायनिक प्रतिक्रिया शामिल है। अधिशोषक के सतह पर नई रासायनिक आबंध उत्पन्न होते हैं। इसके उदाहरण है स्थूल घटना जो कि बहुत स्पष्ट हो सकता है, जंग की तरह है, और सूक्ष्म विषम कटैलिसीस के साथ जुड़े प्रभाव शामिल हैं। अधिशोषक और सब्सट्रेट सतह के बीच मजबूत इलेक्ट्रॉनिक के कारण नये रासायनिक आबंध उत्पन्न होते है।

रसोवशोषण के विपरीत फिसिसोर्सोपशण है जिसमें अधिशोषक के रासायनिक जातियों पर प्रभाव नहीं पड़ता है। विशिष्टता के कारण, रसोवशोषण की प्रकृति काफी बदल सकता हैं, जो रासायनिक पहचान और सतह की संरचना पर निर्भर करता है।

रसोवशोषण अधिशोषण से इस प्रकार अलग है-

१>अधिशोषण उन तापमान पर ही हो सकता है जो अधिशोषक के क्वथनांक से कम है। इसके विपरीत रसोवशोषण किसी भी तापमान पर हो सकता है।

२>रसोवशोषण तापमान के साथ बढ़ता है। अधिशोषण तापमान बढ़ने से कम हो जाता है।

३>रसोवशोषण में अधिशोषण से कई गुना ज्यादा गरमी उत्पन्न होती है।

४>रसोवशोषण अपरिवर्तनीय है जबकि अधिशोषण रद्द किये जा सकते है।

रसोवशोषण के उपयोग

संपादित करें

विषम कटैलिसीस में रसोवशोषण का उपयोग होता है।

अधिशोषण के कुछ अनुप्रयोग

संपादित करें

१> सिलिका जेल और अलुमिना का उपयोग अधिशोषक के रूप मैं गीलापन निकालने के लिये और कमरों की आर्द्रता नियंत्रण मैं रखने के लिये होता है।

२>"अनिमल छारकोल" शक्कर की उत्पादन मैं विरंजक के रूप मैं प्रयोग किया है।

३> सक्रियित कार्बन का प्रयोग् गैस मास्क मैं जहरीला गैस और विषाद निकालने के लिये होता है।

४> विषम कटैलिसीस मैं भी अधिशोषण का उपयोग होता है। आयरण का प्रयोग अम्मोनिया की उतपन्न्ता मैं होता है और निकल का प्रयोग वनस्पति तेल बनाने मैं प्रयोग होता जहै।

५> अधिशोषण उच्च वैक्यूम बनाने मैं प्रयोग किया है। कोयला के एक बल्ब को वैक्यूम पंप से जुडा पोत से जोडा जाता है। तापमान कम होने से अधिशोषण बडने के कारण शेष रह गये वायु सोखा जा सकता है।

[1] [2]

  1. "संग्रहीत प्रति". मूल से 16 अक्तूबर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 5 नवंबर 2016.
  2. "संग्रहीत प्रति" (PDF). मूल (PDF) से 10 जनवरी 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 5 नवंबर 2016.