राखी गोप एक समाजिक कार्यकर्ता हैं, जोकि लैंगिक बराबरी के लिए काम करती है। ये फलाकाटा, अलीपुरद्वार जिले से हैं, जो पश्चिम बंगाल मे है । वे पिछले 13 वर्षों से अपने समुदाय के भीतर बाल विवाह और मानव तस्करी के खिलाफ काम कर रही हैं । 2017 में उनको ‘सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति’ की श्रेणी में महिला सशक्तिकरण में उत्कृष्टता के लिए, मार्था फैरल पुरस्कार मिला। ये अवार्ड 2016 में प्रिया, रिज़वान अदातिया फाउंडेशन और मर्था फैरेल फाउंडेशन के द्वारा स्थापित किया गया था । ये अवार्ड साल में एक बार ऐसे व्यक्तियों और संस्थाओं को दिया जाता है, जिनका महिला सशक्तीकरण और लैंगिक बराबरी में महत्वपूर्ण योगदान है । [1]

राखी गोप
जन्म २६ मई, १९८५
फलाकाटा, अलीपुरद्वार, पश्चिम बंगाल
राष्ट्रीयता भारतीय
नागरिकता भारत
शिक्षा सोशल वर्क में पोस्ट-ग्रेजुएशन

प्रारंभिक जीवन संपादित करें

राखी सामाजिक रूप से पिछड़े परिवार से ताल्लुक रखती हैं । चाइल्ड इन नीड इंस्टिट्यूट (CINI) में एक वर्कशॉप से प्रेरित होकर राखी ने अपने आसपास के समुदाय के साथ मिलकर काम करन शुरू किया । उनके काम में पितृसत्ता, सामाजिक-सांस्कृतिक प्रथाए, असुरक्षित प्रवास और मानव तस्करी के मुद्दे शामिल थे । वह 2006 में CINI के साथ एक स्वयंसेवक बन के जुड़ी और समाज मे बदलाव के लिए काम करना शुरू किया । 2017 में उन्होनें, रवीन्द्र भारती विश्वविद्यालय, कोलकाता से सामाजिक कार्य में अपनी मास्टर्स डिग्री पूरी की ।

व्यवसाय संपादित करें

वर्तमान में, वह CINI के साथ एक जिला संसाधन व्यक्ति के रूप में काम कर रही हैं, और साथ ही इसके अलावा राखी, कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न की रोकथाम के लिए बनी स्थानीय समिति (LC) की सदस्य के रूप में भी काम कर रही है ।

एक दशक से अधिक समय से राखी ने बाल विवाह और मानव तस्करी से निपटने के लिए सामुदायिक स्तर पर बचाव और निवाराण दोनों तरह के उपाय विकसित किए हैं । उन्होंने अपने समुदाय में सुरक्षा जाल स्थापित किया है, जो बाल विवाह या मानव तस्करी के किसी भी घटना के बारे में जानकारी प्राप्त करने में मदद करता है। और इन जानकारियों को राखी, बाद में राज्य प्राधिकारी के पास ले जाती हैं । वह विभिन्न बचाव अभियानों का हिस्सा रही हैं, उन्होंने बाल विवाह और अवैध तस्करी के पीड़ितों की मदद की है और उन्हें सुरक्षित सरकारी आश्रय गृहों तक पहुँचाया हैं । उन्होंने पीड़ितों को राज्य प्रायोजित व्यावसायिक और आजीविका कार्यक्रमों से जोड़ा भी है । राखी अपने समुदाय में, विशेष रूप से महिलाओं, किशोर लड़कों और लड़कियों को बाल विवाह, मानव तस्करी, एचआईवी/एड्स और अन्य मुद्दों के बारे में जागरुक करती है । राखी राज्य और नागरिक समाज के अभिनेताओं को भी विभिन्न मुद्दों से जोड़ती है, ये उनके एजेंडे का हिस्सा है । [2]

वह जिले में 22 ग्राम पंचायतों, ब्लॉक विकास अधिकारी, पुलिस अधीक्षक, बाल कल्याण समिति और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के साथ मिलकर मानव तस्करी को रोकने का काम करती है । वह विभिन्न सरकारी कार्यक्रमों जैसे एसएचजी (सेल्फ हेल्प ग्रुप) के गठन और महिलाओं के लिए माइक्रो-क्रेडिट की व्यवस्था का भी समर्थन करती हैं । [3]

पुरस्कार संपादित करें

2017 में राखी गोप को ‘सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति’ की श्रेणी में महिला सशक्तिकरण में उत्कृष्टता के लिए, मार्था फैरल पुरस्कार मिला।

  1. "संग्रहीत प्रति". मूल से 24 फ़रवरी 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 8 मार्च 2019.
  2. https://m.dailyhunt.in/news/india/english/sheroes-epaper-sheroes/rakhi+gope+the+woman+who+stopped+trafficking+in+north+bengal-newsid-77211015
  3. "संग्रहीत प्रति". मूल से 24 फ़रवरी 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 8 मार्च 2019.