गौड़ सारंग, भारतीय संगीत का एक राग है। इसके गायन का समय दोपहर (मध्याह्न काल) है।

ठाठ - कल्याण (मतान्तर में कई लोग इसे विलावल ठाठ से उत्पन्न भी मानते हैं)

वादी - ग

संवादी- ध

जाति- सम्पूर्ण (*वक्र सम्पूर्ण- अर्थात आरोह व अवरोह में सभी स्वरों का प्रयोग *वक्र होता है)


विशेषताएं -
  • तीव्र का अल्प प्रयोग केवल आरोह में के साथ ही होता है।
  • नि का प्रयोग भी अल्प है।
  • ' प रे' स्वर संगति का बहुतायत से प्रयोग किया जाता है।

बाहरी कड़ियाँ

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