राजभाषा गौरव पुरस्कार
राजभाषा गौरव पुरस्कार हिन्दी दिवस पर उन लोगों को दिया जाता है। हिन्दी भाषा में भारत के किसी भी नागरिक द्वारा ज्ञान-विज्ञान के मौलिक पुस्तक लिखने पर और केन्द्र सरकार के कर्मियों (सेवानिवृत्त सहित) द्वारा पुस्तक या उत्कृष्ट लेख लिखने हेतु मिलता है। यह पुरस्कार तकनीकी / विज्ञान से जुड़े हिन्दी भाषा के पुस्तक लेखन को प्रोत्साहित करने के लिए दिया जाता है। इसमें उन पुस्तकों को लिया जाता है, जो प्रथम बार प्रकाशित हुई हो। किसी अन्य पुस्तक का अनुवाद न हो।[1][2]
पुरस्कार राशि
संपादित करें- प्रथम पुरस्कार - ₹2,00,000 रुपये
- द्वितीय पुरस्कार - ₹1,50,000 रुपये
- तृतीय पुरस्कार - ₹75,000 रुपये
- प्रोत्साहन पुरस्कार - ₹10,000 रुपये
प्रथम, द्वितीय व तृतीय पुरस्कार एक-एक व्यक्ति को दिया जाता है, जबकि प्रोत्साहन पुरस्कार 10 लोगों को दिया जाता है। पुरस्कार के साथ स्मृति चिन्ह सभी 13 पुरस्कार प्राप्त करने वालों को दिया जाता है।
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "हिंदी दिवस पर विशेष: तकनीक के स्तर पर हिंदी ने की काफी प्रगति". दैनिक जागरण. 14 सितम्बर 2015. मूल से 14 सितंबर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 3 फरवरी 2016.
- ↑ "मोदी सरकार का फैसला, इंदिरा और राजीव गांधी के नाम पर नहीं होंगे राजभाषा पुरस्कार". आज तक. 21 अप्रैल 2015. मूल से 15 दिसंबर 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 3 फरवरी 2016.